Morning Walk करें बंद, क्योंकि यहां सांस लेना भी है गुनाह

Healthy Hindustan
7 Min Read

• दिल्ली-NCR में रहने वाले नवंबर के दो हफ्ते तक न करें मॉर्निंग वॉक
• वायु प्रदूषण बढ़ने से दिल्ली के आसपास के इलाके की हवा हुई जहरीली
• पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़ने से बदतर होने लगी आबोहवा

अगर आप दिल्ली और इसके आसपास के इलाके जिसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) कहा जाता है, में रहते हैं तो सुबह की सैर बंद कर दीजिए। बच्चे और बुजुर्ग खास तौर पर इसका ध्यान रखें। ऐसे बच्चे और बुजुर्ग जिन्हें कोरोना हो चुका है उन्हें तो भूलकर भी इन दिनों सुबह की सैर नहीं करनी चाहिए। इसकी वजह है इन इलाकों में बढ़ता वायु प्रदूषण, जिसका असर लोगों पर दिखने लगा है। दिल्ली और इसके आसपास के अस्पतालों में दमा, सांस, दिल (हार्ट) (heart), फेफड़े (lungs), आंखों की एलर्जी और स्ट्रोक से जुड़ी बीमारियों के मरीज बढ़ने लगे हैं।

अभी मॉर्निंग वॉक से क्या है खतरा?  

दिवाली के बाद से ही दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। सुबह की सैर में जहरीली हवा सांसों के जरिये शरीर में प्रवेश करती है। डॉक्टरों का कहना है कि वायु प्रदूषण की वजह से सांस, आंख और स्ट्रोक की बीमारी हो सकती है। खासकर दमा जैसी सांसों से जुड़ी बीमारियों, दिल (हार्ट) से जुड़ी बीमारियों और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के मरीज तो भूल कर भी इस माहौल में सुबह की सैर (morning walk) के लिए ना निकलें। डॉक्टरों का दावा है कि वायु प्रदूषण शुरू होते ही अस्पतालों में ऐलर्जी, विजन और सिरदर्द की शिकायत वाले मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। नाक बहना, नाक बंद होना, छींक, खांसी तो आम हो ही चुका है, प्रदूषण की वजह से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ गया है। बताया गया कि अब इस तरह के मरीजों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई है।

कई स्टडी से यह साबित हो चुका है कि सर्दियों में स्ट्रोक का खतरा बाकी दिनों की तुलना में ज्यादा बढ़ जाता है। इसी तरह स्टडी यह भी बताती है कि प्रदूषण स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाता है। प्रदूषण के संपर्क में ज्यादा देर तक रहने से स्ट्रोक की समस्या बढ़ना सामान्य है। इससे दिमाग में क्लोटिंग का खतरा बढ़ जाता है। सर्दी और प्रदूषण के कॉकटेल से यह खतरा कई गुना तो बढ़ा ही है, साथ ही कोरोना की चपेट में आने वालों के लिए ये खतरा और ज्यादा बढ़ गया है।

मॉर्निंग वॉक देगी कौन सी बीमारियां?
• सांस और फेफड़े से जुड़ी बीमारियां
• हृदय (दिल, heart) से जुड़ी बीमारियां
• ब्रेन स्ट्रोक
• ऐलर्जी
• आंखों में जलन
• सिर दर्द

वैसे तो मॉर्निंग वॉक सेहतमंद रहने के लिए जरूरी माना जाता है, लेकिन बदले हालात में कुछ लोगों को फिलहाल इससे बचने की सलाह दी गई है।

वैसे तो मॉर्निंग वॉक सेहतमंद रहने के लिए जरूरी माना जाता है, लेकिन बदले हालात में कुछ लोगों को फिलहाल इससे बचने की सलाह दी गई है।

कौन रहें मॉर्निंग वॉक से बचकर?
• बच्चे (15 साल से कम उम्र के बच्चे)
• बुजुर्ग (65 साल से ज्यादा उम्र के लोग)
• गर्भवती महिलाएं
• कोरोना की चपेट में आ चुके लोग
• सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीज
• हार्ट और फेफड़े से जुड़ी बीमारियों के मरीज

बढते प्रदूषण से खुद को बचाने के लिए डॉक्टर कुछ सलाह दे रहे हैं। वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से बचाव या इससे होने वाले खतरे को कुछ एहतियात बरत कर कम किया जा सकता है।

‘गंदी हवा’ के असर से कैसे बचें?
• सुबह 9 बजे से पहले सैर के लिए नहीं निकलें
• शाम 5 बजे के बाद सैर के लिए नहीं निकलें
• आंखों को प्रदूषण से बचाने के लिए कवर्ड चश्मे पहनें
• सांसों में जहरीली हवा से बचने के लिए मास्क लगाएं
• N 95 रेटिंग वाले मास्क इस मौसम के लिए बेहतर हो सकता है
• गाड़ी में एयर प्यूरीफायर लगाएं
• इनडोर पलूशन से बचने के लिए खिड़की दरवाजे बंद रखें
• घर में वेंटिलेशन का इतंजाम होना चाहिए
• आसपास छोटे-छोटे पौधे रखें
• नियमित रूप से सांस से जुड़ी कसरत (exercise) करें
• आंवला, संतरा, अमरुद, नींबू, किशमिश, अखरोट खाएं
• खाने में राजमा, पालक, चिया सीड्स शामिल करें
• सोयाबीन का तेल और हल्दी वाला दूध का इस्तेमाल करें

वैसे तो दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का कोई इलाका ऐसा नहीं, जो इन दिनों जहरीली हवा की चपेट में न हो। लेकिन कुछ इलाके तो वायु प्रदूषण के लिहाज से खतरनाक जगह में बदल गए हैं।

दिल्ली-NCR के कौन-से इलाके ज्यादा खतरनाक?

• आनंद विहार
• अशोक विहार
• बहादुरगढ़
• गाजियाबाद
• ग्रेटर नोएडा
• नोएडा
• गुरुग्राम
• मानेसर

इन इलाकों में वायु प्रदूषण के लिए आसपास के राज्यों से आने वाली गंदी हवा को जिम्मेदार माना जाता है। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने से गंदी जहरीली हवा बनती है, जो दिल्ली पहुंचती है। अब तक के आंकड़ों के मुताबिक इस साल पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़े हैं और दिल्ली की खराब हवा की एक बड़ी वजह यही है। हालांकि पराली जलाने के मामले हरियाणा, यूपी, राजस्थान और दिल्ली से भी आए हैं लेकिन बीते साल से यह इस बार कम है।

दिल्ली वालों को दिवाली पर इस बार बीते आठ साल से कम वायु प्रदूषण झेलना पड़ा। इसकी वजह हरियाणा और दिल्ली में पराली जलाने का मौसम अभी शुरू नहीं होना है। इस बार दिवाली जल्दी आ गई जबकि पराली जलाने का सीजन अब शुरू होने वाला है। यानी दिल्ली वालों के लिए खतरा बढ़ने वाला है। दिवाली के दिन दिल्ली वालों को बीते साल की तुलना में जो थोड़ी राहत मिली, उसकी वजह चक्रवाती तूफान की वजह से दिल्ली तक पहुंची तेज हवा थी। अब वह हवा जब जा चुकी है तो दिल्ली की मुसीबत बढ़ने वाली है।

Follow

Subscribe to notifications

Most Viewed Posts

Share this Article
Leave a comment
चमकती स्किन के लिए क्या खाएं किस तरह के तेल से करें मसाज ? क्या है निगेटिव कैलोरी फूड ऑयल मसाज ब्लॉकेज हटा कर ब्लड सर्कुलेशन ठीक करता है पांच बैक्टीरिया जो हर साल भारत में लाखों लोगों की लेते हैं जान
adbanner