क्या आप डायबिटिक नहीं हैं? क्या आप डायबिटिक नहीं है लेकिन आपके परिवार में किसी को डायबिटीज (Diabetes) है? अगर इनमें से कुछ भी नहीं है और आप दिल्ली-NCR या वहां रह रहे हैं जहां की हवा इन दिनों प्रदूषित (Air Pollution) है, तो भी आपको अपने ऊपर ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि जरा-सी लापरवाही से पूरी तरह स्वस्थ व्यक्ति भी डायबिटीज की चपेट में आ सकता है। एक रिसर्च ने गंदी हवा और डायबिटीज (Air Pollution And Diabetes) के रिश्ते को बेनकाब किया है।
जिन इलाकों में AQI का स्तर खराब, बेहद खराब और गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है, उन इलाकों में रहने वालों में फिजिकल एक्टिविटी की कमी सामान्य है। वायु प्रदूषण से बचने के लिए मॉर्निंग वॉक और एक्सरसाइज से परहेज करना आम है। लेकिन इसके साथ ही अगर हेल्दी डाइट नहीं लेने और दीवाली पर कम ही मात्रा में सही मिठाई भी खाने पर आपकी तरफ दबे पांव एक खतरा बढ़ सकता है। इस खतरे का नाम है डायबिटीज।
रिसर्च और डायबिटीज (Research And Diabetes)
एक रिसर्च से यह साबित हुआ है कि प्रदूषित हवा में सांस लेने से टाइप 2 डायबिटीज (type 2 diabetes) का खतरा बढ़ जाता है। यह रिसर्च भारत के ही दो महानगरों की स्टडी पर आधारित है। रिसर्च के मुताबिक दिल्ली और चेन्नई दोनों शहरों में सालाना औसत पीएम 2.5 लेवल में प्रत्येक 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर बढ़ोतरी के कारण डायबिटीज का खतरा 22 फीसदी बढ़ गया।
डायबिटीज और वायु प्रदूषण (Diabetes And Air Pollution)
इसी तरह का चौंकाने वाला एक और रिसर्च द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ में छपा। करीब 17 लाख अमेरिकी लोगों पर की गई रिसर्च में प्रदूषण लेवल बढ़ने को डायबिटीज का जोखिम बढ़ाने वाला पाया गया। जिन व्यक्तियों पर रिसर्च की गई थी उनमें से किसी को भी डायबिटीज की शिकायत नहीं थी। यानी वायु प्रदूषण और डायबिटीज के रिश्ते को कतई खारिज नहीं किया जा सकता।
रिसर्च, डायबिटीज और नतीजा (Research, Diabetes And Result)
दरअसल इस रिसर्च में साढ़े आठ तक लोगों की सेहत और वायु प्रदूषण पर करीब से नजर रखा गया। पता चला कि जब हवा में पार्टिकुलेट मैटर 2.5 का स्तर 5 से 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हुआ तो करीब 21% लोगों को डायबिटीज हो गया। जैसे ही PM2.5 का एक्सपोजर बढ़कर 11.9-13.6 माइक्रोग्राम हुआ, यह दर बढ़कर 24% हो गई।
वायु प्रदूषण से डायबिटीज क्यों? (Why diabetes due to air pollution?)
आखिर ऐसा क्यों होता है? दिल्ली मेडिकल असोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल बंसल कहते हैं, “प्रदूषित हवा में जब हम सांस लेते हैं तो हानिकारक एयर पार्टिकल्स सांस के जरिये हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। नाक के रास्ते ये फेफड़ों तक पहुंचते हैं और फिर बल्ड सर्कुलेशन में शामिल होकर हमारे खून के साथ पूरे शरीर में बहने लगते हैं। ऐसे में हमें डायबिटीज, ब्रोंकाइटिस, दिल के दौरे और अन्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है।”
यानी खतरा केवल डायबिटीज होने का ही नहीं है। डॉ. बंसल के मुताबिक डायबिटीज की चपेट में आने के बाद दूसरी कई और बीमारियों के घेरे में आने का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। चूंकि खून में घुलकर हानिकारक एयर पार्टिकल्स दिल, दिमाग, किडनी समेत पूरी बॉडी में पहुंच जाता है, इसलिए दिल, दिमाग और किडनी को भी नुकसान पहुंचने लगता है। वायु प्रदूषण की वजह से सांस से जुड़ी बीमारियों के और बढ़ने का खतरा तो पहले से ही है।
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वायु प्रदूषण के इस दौर में क्या करें और क्या न करें? (How to avoid air pollution?)
घर के खिड़की-दरवाजे बंद रखें
एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें
घर से बाहर सैर करने से बचें
फिजिकली एक्टिव रहें
शुगर लेवल की रेगुलर जांच कराएं
हाइड्रेटेड रहें
कूड़ा न जलाएं
मास्क पहनें
डिस्क्लेमर- ये सलाह सामान्य जानकारी है और ये किसी इलाज का विकल्प नहीं है।