Cough Syrup Ban: चार साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दें कफ सिरप, जा सकती है बच्चे की जान!

अगर आप चार साल से छोटे बच्चे को बिना डॉक्टर की सलाह के कफ सिरप पिलाते हैं, तो ये खबर आपके लिए है। छोटे बच्चों को सर्दी जुकाम में दी जाने वाली कुछ दवाओं पर भारत सरकार और DCGI ने रोक लगा दी है।

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Cough Syrup/Healthy Hindustan
Highlights
  • DCGI ने सर्दी-खांसी की दवा पर चेतावनी जारी की
  • चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप पर रोक
  • ड्रग कंपनियों को लेबल पर स्पष्ट चेतावनी देने का आदेश
  • बच्चों की सेहत पर नुकसान को देखकर लिया फैसला

Cough Syrup Ban: साल 2022 में गैंबिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून में कम से कम 141 बच्चों की मौत कफ सिरप (cough syrup) की वजह से हो गई। इनमें कुछ खास कफ सिरप भारत में बने थे। साल 2019 में भारत में भी इसी तरह के कफ सिरप की वजह से 12 बच्चों की मौत हो गई और चार बच्चे गंभीर रूप से विकलांग हो गए। तभी से भारत सरकार और भारत के औषधि नियामक (drugs regulator) के कान खड़े हो गए।

इन मामलों के सामने आने के बाद भारत में बनने वाले कफ सिरप यानी सर्दी-जुकाम और खांसी की दवा पर सवाल तो खड़े हुए ही साथ ही भारत से निर्यात होने वाली दवाओं पर भी प्रश्नचिह्न लग गया। इससे दुनिया की फार्मेसी कहे जाने वाले भारत की साख पर भी बट्टा लगा। पूरे मामले की पड़ताल कर DCGI ने 18 दिसंबर को सभी राज्यों को एक चिट्ठी भेजी।

DCGI की चिट्ठी में क्या है? (What is in DCGI’s letter?)

DCGI की चिट्ठी में कहा गया है कि क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्राइन के कॉकटेल का उपयोग करके बनाए गए सिरप को 4 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दिया जा सकता। इनकी पैकेजिंग पर इसी के मुताबिक लेबलिंग की जानी चाहिए। राज्यों को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि, “क्लोरफेनिरामाइन मैलेट आईपी 2एमजी + फिनाइलफ्राइन एचसीआई आईपी 5एमजी ड्रॉप/एमएल की फिक्स डोज कॉम्बिनेश को प्रोफेसर कोकाटे की समिति द्वारा तर्कसंगत घोषित किया गया है। समिति की सिफारिश के आधार पर इस कार्यालय ने 18 महीने के नीतिगत निर्णय के तहत 17 जुलाई 2015 को विषय फिक्स्ड-ड्रग कॉम्बिनेशन (FDC)के निरंतर बनाने और बेचने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किया है।”

क्या है DCGI की चिंता? (What is DCGI’s concern?)

औषधि नियामक (drugs regulator)की चिट्ठी में कहा गया है कि शिशुओं के लिए बगैर मान्यता प्राप्त एंटी-कोल्ड ड्रग फॉर्मूलेशन को बढ़ावा देने के बाद चिंताएं सामने आ रही हैं। इस मामले पर विचार-विमर्श किया गया था. विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी- पल्मोनरी) की बैठक 6 जून, 2023 को हुई, जिसमें क्लोरफेनिरामाइन मैलेट आईपी 2एमजी + फिनाइलफ्राइन एचसीएल आईपी 5एमजी ड्रॉप/एमएल के एफडीसी के उपयोग के संबंध में मुद्दे के आलोक में समिति के समक्ष चर्चा की गई। समिति ने सिफारिश की है कि एफडीसी का इस्तेमाल 4 साल से कम उम्र के बच्चों में नहीं किया जाना चाहिए और तदनुसार कंपनियों को लेबल और पैकेज इंसर्ट पर इस संबंध में चेतावनी का उल्लेख करना चाहिए। फिक्स्ड-ड्रग कॉम्बिनेशन (FDC) में क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्राइन होते हैं।

क्या है DCGI के फैसले की वजह? (Reason for DCGI’s decision)

शिशुओं और बच्चों पर इस दवा के खराब प्रभावों को देखने के बाद इस तरह की कार्रवाई की जरूरत समझी जा सकती है। बाल रोग विशेषज्ञ और दिल्ली मेडिकल असोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमेश दत्ता इसकी वजह विस्तार से बताते हैं। डॉ. दत्ता के मुताबिक कई बार इस तरह के कॉम्बिनेशन वाली दवाओं की वजह से बच्चों की सेहत को बड़ा नुकसान पहुंचता है। इन दवाओं के साइफ इफैक्ट्स देखे गए हैं। कई बार तो इन्हीं दवाओं की वजह से बच्चे बेहोश तक हो गए।

एक साल से कम उम्र के बच्चों को तो किसी भी सूरत में क्लोरफेनिरामाइन मैलेट + फिनाइलफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड कॉम्बिनेशन की दवाई नहीं दें। दो से चार साल के बच्चों के लिए सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। सावधानी से सलाह का मतलब ये है कि अगर ये दवा पर्ची पर लिखी गई है तो इसे बहुत कम डोज (मात्रा) में और बहुत कम समय के लिए दी जानी चाहिए।”

डॉ. रमेश दत्ता, बाल रोग विशेषज्ञ

दरअसल, यह फिक्स्ड ड्रग कॉम्बिनेशन क्लोरफेनिरामाइन मेलिएट और फिनाइलेफ्रिन से बना है। ये दवाएं अक्सर सिरप या टैबलेट में सामान्य सर्दी के लक्षणों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती हैं।

क्या है WHO की राय? (What is WHO’s opinion?)

विश्व स्वास्थ्य संगठन पांच साल से कम उम्र के बच्चों में खांसी और सर्दी के लक्षणों के इलाज के लिए ओवर-द-काउंटर कफ सिरप या दवाओं के इस्तेमाल की सिफारिश नहीं करता है। भारत ने जून से कफ सिरप के निर्यात के लिए अनिवार्य टेस्ट शुरू किया है और दवा निर्माताओं की जांच में तेजी लाई है। हालांकि जिन दवा निर्माताओं की कफ सिरप को बच्चों की मौत से जोड़ा गया है, उन्होंने किसी भी गलत काम से इनकार किया है।

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