CORONA: डरना जरूरी है क्योंकि स्वाद-गंध ही नहीं आवाज भी छीनने लगा है कोरोना!

भारत सहित दुनियाभर में कोविड 19 (Covid) जिस तेजी से फैल रहा है, उसने एक बार फिर दहला दिया है। एक नई स्टडी ने कोरोना वायरस (Corona Virus) को लेकर जो खुलासे किए हैं वह बेहद डरावना है। इसलिए इससे बचाव के लिए सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है।

Healthy Hindustan
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Covid Infection/ Source: Freepik

भारत में तेजी से फैल रहे कोरोना के साथ ही इसके नए वेरिएंट JN.1 के नए बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु सहित कई राज्यों में कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 के मरीज मिले हैं। सोमवार तक ही कोविड 19 (Covid 19) सब वेरिएंट JN.1 के 63 मरीज सामने आए, जिनमें 34 मामले गोवा में पाए गए। हालांकि कोरोना की चपेट में आने वालों में इसके हल्के लक्षण ही मिले, लेकिन एक नई स्टडी ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है।

आवाज छीन सकता है कोरोना वायरस (Corona can take away your voice)

कोरोना का संक्रमण बेहद खतरनाक होता जा रहा है। कोरोना की वजह से दूसरी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों की जान को तो खतरा होता ही है, साथ ही ये हमेशा के लिए आपकी आवाज छीनने की वजह भी बन सकता है। अब तक कोरोना की वजह से स्वाद और गंध का कुछ दिनों के लिए खत्म होना आम रहा है।

डरावनी है नई स्टडी (The new study is scary)

हाल में आई एक स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। वैज्ञानिकों ने पाया कि कोरोना (Corona) की चपेट में आने वालों का यह खतरनाक वायरस स्वाद और गंध ही नहीं छीनता, बल्कि गले की आवाज भी छीन सकता है। Covid 19 की वजह से वोकल कार्ड पैरालिसिस (Vocal Cord Paralysis) का पहला मामला भी सामने आया है। इसी वजह से स्वास्थ्य वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है।

क्या है स्टडी का नतीजा? (What is the result of the study?)

अमेरिका में मैसाचुसेट्स आई और ईयर हॉस्पिटल के रिसर्चर ने पाया है कि कोरोना इंफेक्शन तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) (nervous system) से संबंधित या न्यूरोपैथिक समस्याएं भी हो सकती हैं> इसी वजह से वोकल कार्ड यानी आवाज की नली में पैरालिसिस का मामला मिला है। जर्नल पीडियाट्रिक्स में पब्लिश एक स्टडी रिपोर्ट में कोरोने से होने वाली दूसरी गंभीर समस्याओं को लेकर अलर्ट किया गया है।

कोरोना से छिनी बच्ची की आवाज (Girl’s voice gone from Corona)

इस नई स्टडी के नतीजे में बताया गया कि सार्स-सीओवी-2 वायरस के इंफेक्शन के कुछ दिनों बाद ही 15 साल की एक लड़की को अचानक सांस लेने में दिक्कत होने लगी। जब पीड़ित लड़की को अस्पताल ले जाया गया तो जांच में पाया गया कि उसके नर्वस सिस्टम पर कोरोना के खराब प्रभाव की वजह से उसे वोकल कॉर्ड पैरालिसिस हो गया। उसे पहले से ही अस्थमा और एंग्जाइटी की समस्या भी थी। रिसर्च में शामिल विशेषज्ञों ने बताया कि इस केस के एंडोस्कोपिक जांच में उसके वॉयस बॉक्स में पाए जाने वाले दोनों वोकल कॉर्ड में गड़बड़ी मिली।

वोकल कॉर्ड पैरालिसिस का पहला केस (First case of vocal cord paralysis)

इस स्टडी में शामिल विशेषज्ञों ने बताया कि कोविड 19 की शुरुआत के बाद इस उम्र में वोकल कॉर्ड पैरालिसिस का यह पहला केस है। हालांकि वयस्कों में इस तरह की परेशानी पहले देखने को मिली थी। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में प्रोफेसर क्रिस्टोफर हार्टनिक का कहना है कि कोरोना संक्रमण से सिरदर्द, हार्ट अटैक और पेरिफेरल न्यूरोपैथी जैसी कई तरह की न्यूरोलॉजिकल समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। इससे पता चलता है कि वोकल कॉर्ड पैरालिसिस का खतरा भी कोरोना वायरस से हो सकता है। इसलिए इसे गंभीरता से लेकर समय पर इलाज करवाना चाहिए।

इस बीच कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने कहा कि भारत में वैज्ञानिक समुदाय नए कोविड के सब-वेरिएंट की बारीकी से जांच कर रहा है। केंद्र सरकार ने राज्यों को जांच बढ़ाने और अपनी निगरानी प्रणालियों को मजबूत करने की जरूरत पर बल दिया।

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