NASAL VACCINE: न चुभन का डर न सूजन का खतरा, नाक में गिरेगी चार बूंद और मर जाएगा कोरोना का डर

Healthy Hindustan
7 Min Read

न डर न झिझक, बच्चे हों या महिलाएं। अब खुशी खुशी सब ले सकेंगे वैक्सीन की खुराक। कोरोना की तेज होती आहट के बीच आपके लिए एक खुशखबरी है। दुनिया को मेड इन इंडिया और इंडियन वैक्सीन देने वाले भारत में अब नाक से दिए जाने वाले वैक्सीन को हरी झंडी मिल गई। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्य सभा में डंके की चोट पर ऐलान किया कि एक्सपर्ट कमेटी ने नोजल वैक्सीन को मंजूरी दे दी। ये मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोना पर ली गई समीक्षा बैठक से पहले आई।
Nasal Vaccine को मंजूरी मिलने के खास मायने हैं। इसका मतलब ये कि अब सूई चुभोकर दी जाने वाली दवा की खुराक से मुक्ति मिल गई। अब नाक में ड्रॉप डालने से ही काम चल जाएगा। वैसे भी, नाक के रास्ते दिए जाने वाले टीकों को इंजेक्शन वाले टीकों की तुलना में बेहतर माना जाता है। 28 नवंबर को ही हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (Bharat Biotech International Limited) ने इनकोवैक (iNCOVACC BBV154) नाक से दी जाने वाली कोविड वैक्सीन की खुराक तैयार होने की जानकारी दी थी। इसे इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन (Intra-Nasal Covid Vaccine) कहा जाता है।

कब कहां मिली iNCOVACC को मंजूरी

  • 28 नवंबर को भारत बायोटेक ने वैक्सीन तैयार होने की जानकारी दी
  • 1 दिसंबर को CDSCO ने इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी
  • 6 दिसंबर को ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने मंजूरी दी
  • 22 दिसंबर को एक्सपर्ट कमेटी ने वैक्सीन को हरी झंडी दी

इस वैक्सीन को अमेरिका के मिसूरी के सेंट लुइस स्थित वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के साथ मिलकर विकसित किया गया है। इस वैक्सीन को 1 दिसंबर को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने 18 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी थी। कोरोना से जंग में असरदार मानी जाने वाली इस वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने भी 6 दिसंबर को मंजूरी दे दी।

Courtesy – Freepik

Nasal Vaccine दुनिया के लिए कैसे फायदेमंद?

  • iNCOVACC को स्टोर करना और बांटना आसान है
  • ये Nasal Vaccine 8 डिग्री सेल्सियस पर रखी जा सकती है
  • कम और मध्यम आय वाले देशों के हिसाब से डिजाइन और विकसित
  • नाक के रास्ते दी जाने वाली वैक्सीन दूसरों से ज्यादा असरदार

भारत बायोटेक की BBV154 वैक्सीन को नाक के जरिए शरीर में पहुंचाया जाता है। इसकी खास बात यह है कि शरीर में जाते ही यह कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती है। भारत बायोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन डॉ. ​​​​​कृष्णा एल्ला बता चुके हैं कि पोलियो की तरह इस वैक्सीन की भी 4 बूंदें ही काफी हैं। दोनों नॉस्ट्रिल्स (नाक की छेद) में BBV154 वैक्सीन की दो-दो ड्रॉप्स डाली जाती हैं।

इस वैक्सीन की क्या है खासियत?

  • नाक के जरिये दी जाएगी वैक्सीन की खुराक
  • नॉस्ट्रिल्स (नाक की छेद) में 2-2 बूंद डाली जाएगी
  • नाम में वैक्सीन की कुल 4 बूंदें डाली जाएंगी
  • शरीर में जाते ही इन्फेक्शन को रोकेगी वैक्सीन
  • ये वैक्सीन कोरोना के ट्रांसमिशन को भी रोकेगी
  • बूस्टर डोज के रूप में भी ली जा सकेगी
  • हेल्थ वर्कर को ट्रेनिंग नहीं देनी होगी
  • प्रोडक्शन, स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन आसान होगा
  • वायरस नाम में ही खत्म होगा तो फेफड़ों को नुकसान नहीं होगा

CORONA : चीन, जापान, अमेरिका को दहलाने वाला ओमिक्रॉन कुछ और नहीं बहरूपिया कोरोना का ही है नया रूप https://healthyhindustan.in/health-news/new-omicron-variant-of-covid-is-more-serious-than-you-think-creating-problems-in-china-japan-us/

दिल्ली मेडिकल असोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमेश दत्ता कहते हैं कि इस वैक्सीन को प्राइमरी वैक्सीन के साथ ही कोवैक्सिन और कोविशील्ड लेने वालों के लिए बूस्टर डोज़ के तौर पर भी दिया जा सकेगा। डॉ. दत्ता के मुताबिक नाक में महज चार बूंद दिए जाने की वजह से यह वैक्सीन बिना किसी तकलीफ के ली जा सकती है। चूंकि यह इंजेक्शन नहीं है इसलिए इसे लेने के लिए न तो किसी स्वास्थ्यकर्मी की जरूरत पड़ेगी और न ही किसी विशेषज्ञ की। इसलिए यह नई वैक्सीन बहुत लोकप्रिय हो सकती है। चूंकि सभी तीन चरणों के टेस्ट में इसके नतीजे बेहतरीन रहे, इसलिए इसकी क्वॉलिटी को लेकर भी शक की कोई गुंजाइश नहीं।

नाक में महज चार बूंद दिए जाने की वजह से यह वैक्सीन बिना किसी तकलीफ के ली जा सकती है। चूंकि यह इंजेक्शन नहीं है इसलिए इसे लेने के लिए न तो किसी स्वास्थ्यकर्मी की जरूरत पड़ेगी और न ही किसी विशेषज्ञ की। इसलिए यह नई वैक्सीन बहुत लोकप्रिय हो सकती है। चूंकि सभी तीन चरणों के टेस्ट में इसके नतीजे बेहतरीन रहे, इसलिए इसकी क्वॉलिटी को लेकर भी शक की कोई गुंजाइश नहीं।

डॉ. रमेश दत्ता, पूर्व अध्यक्ष, दिल्ली मेडिकल असोसिएशन

डॉ. दत्ता के मुताबिक देश में अब तक 219 करोड़ 89 लाख वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है। यही नहीं, 22 करोड़ से ज्यादा लोगों को बूस्टर डोज भी मिल चुकी है। 12 से 14 साल की उम्र के 7 करोड़ बच्चों को भी वैक्सीन मिल चुकी है। लेकिन अब भी करोड़ों लोगों को बूस्टर डोज या प्रीकॉशन डोज लेना बाकी है। इनमें बड़ी संख्या बच्चों और महिलाओं की है, जो इंजेक्शन (सूई) से डरते हैं। ऐसे लोगों के लिए नोजल वैक्सीन राहत की खुराक बन कर आई है। दुनिया भर में जिस तरह कोरोना के आंकड़ों में उछाल आया है और जिस तरह भारत में भी ओमिक्रॉन के दहशतकारी सब वैरियंट ने दस्तक दे दी है, उसके बाद डॉक्टर दत्ता यही चाहते हैं कि वैक्सीन इंजेक्शन वाली हो या नाक से दी जाने वाली, परिवार और देश हित में यही है कि लोग इसकी खुराक जरूर ले लें।

Follow

Subscribe to notifications

Most Viewed Posts

Share this Article
Leave a comment
चमकती स्किन के लिए क्या खाएं किस तरह के तेल से करें मसाज ? क्या है निगेटिव कैलोरी फूड ऑयल मसाज ब्लॉकेज हटा कर ब्लड सर्कुलेशन ठीक करता है पांच बैक्टीरिया जो हर साल भारत में लाखों लोगों की लेते हैं जान
adbanner