Yoga For Pollution : दमघोंटू प्रदूषण में हेल्दी लंग्स के लिए करें ये योग, दूर ही रहेंगी सांस से जुड़ी बीमारियां

Breathing Yoga : फेफड़ों को प्रदूषण के बुरे असर से बचाने के लिए रोजाना कुछ खास योग करना जरूरी है। नियमित रूप से योग करने से लंग्स कैपेसिटी (Lungs Capacity) बढ़ती है, साथ ही कई तरह की बीमारियां पास नहीं फटकतीं।

Healthy Hindustan
6 Min Read
Courtesy : Freepik

आंखों में जलन, बहती नाक, गले में दर्द और खांसी से हलकान फेफड़े। दशहरा बीतने और दीपावली की आहट के साथ दिल्ली सहित कई शहरों-महानगरों को वायु प्रदूषण (air pollution) गैस चैम्बर में बदल देता है। सांस की बीमारियों से परेशान लोगों के लिए जहरीली हवा कई बार जानलेवा तक साबित होती है। ऐसे में आपको फेफड़े (lungs) फौलादी बने रहें, इसमें योग (Yoga) आपकी मदद कर सकता है। योग के जरिये वायु प्रदूषण (Yoga For Pollution) से होने वाली बीमारियां और सांस से जुड़े रोगों से बचाव संभव है।

वायु प्रदूषण से बचने में योगा कारगर (Yoga is effective in avoiding air pollution)
सर्दी के दस्तक देते ही वायु प्रदूषण के घेरे में आने वाले इलाकों में सर्दी-जुकाम, सिर दर्द, उलटी, आंखों में जलन, खांसी, अस्थमा और सांस संबंधी शिकायतों की बाढ़-सी आ जाती है। अगर आप भी इस तरह की समस्याओं से परेशान हैं तो इसे वायु प्रदूषण का ही असर मानिए। सेहत पर वायु प्रदूषण के बुरे असर से बचने में योग आपकी बहुत हद तक मदद कर सकता है। हजारों साल से योग ऐसी समस्याओं से निपटने में मददगार साबित हुआ है।

प्रदूषण के असर से सेहत को बचाएंगे ये योग (These yoga will save health from the effects of pollution)

• अनुलोम-विलोम (Anulom-Vilom)
अनुलोम-विलोम करने से फेफड़े मजबूत होते हैं और सांस संबंधी परेशानियों से राहत मिलती है। इससे नाड़ी शुद्ध होती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और तनाव-ड्रिपेशन दूर होता है। अनुलोम-विलोम हृदय (heart) और पाचन तंत्र को भी सेहतमंद बनाता है। इससे वजन भी घटाया जा सकता है। योग एक्सपर्ट रोजाना 5 से 7 मिनट अनुलोम-विलोम करने की सलाह देते हैं।

ऐसे करें अनुलोम-विलोम

अनुलोम विलोम करने के लिए शांत मुद्रा में बैठ जाएं। अपनी आंखें बंद करें और दाहिने अंगूठे को नाक की दाहिनी छिद्र पर रखें और बांयीं तरफ से गहरी सांस लें। इसके बाद सांस दाहिनी छिद्र से छोड़ें। इसी तरह नाक के दाएं छिद्र से सांस भरें और बाएं छिद्र से बाहर निकाल दें। इसी तरह फिर नाक के बाएं छिद्र से सांस लें और दाएं छिद्र से सांस निकाल दें। इस क्रिया को बार बार दोहराएं।

(Photo Courtesy : Freepik)

• कपालभाति (Kapalbhati)
फेफड़ों को मजबूत बनाने में कपालभाति बेहद फायदेमंद है। चूंकि कपालभाति से ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है इसलिए यह योग कई तरह की बीमारियों को शरीर में पनपने ही नहीं देता। कपालभाति स्किन को चमकीला बनाता है, चेहरे की झुर्रियों को खत्म करता है, आंखों की रोशनी बढ़ाता है, शरीर की चर्बी को कम करता है, वजन को काबू में रखने में मदद करता है और कब्ज, गैस, एसिडिटी की समस्या को भी खत्म करता है। जिनको दिल की बीमारी नहीं है कपालभाति का नियमित अभ्यास करने वालों के पास भी नहीं फकटती ये जानलेवा बीमारी। कपालभाति प्राणायाम करने से मन को शांति मिलती है, खून शुध्द होता है और खून में ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ती है।

ऐसे करें कपालभाति प्राणायम

कपालभाति प्राणायाम करने के लिए रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए पालथी लगाएं। हथेलियां आकाश की तरफ हों। गहरी सांस से पेट के निचले हिस्से को अंदर की तरफ खींचे और 30 सेकंड तक इसी पोज में रहें। अब नाक से तेजी से सांस छोड़ें। ऐसा बार-बार दोहराएं। सांस को अंदर की ओर खीचें और नाक से बाहर की तरफ तेजी से फेंके। इसी तरह इसे तेज तेज करें।

रोजाना कम से कम 10 मिनट कपालभाति करें और इससे ज्यादा करना चाहें तो धीरे धीरे बढ़ाकर तब तक कर सकते हैं जब तक कि थकान न महसूस हो। अगर आप हार्ट के मरीज हैं तो किसी योग एक्सपर्ट की सलाह और उनकी देखरेख में ही कपालभाति करें।

• भस्त्रिका (Bhastrika)  
भस्त्रिका का अर्थ होता है धौंकनी। भस्त्रिका प्राणायाम को तेजी से करना होता है। इससे पेट की चर्बी कम होती है और फेफडों को मजबूती मिलती है। इस आसन से नाड़ी प्रवाह शुद्ध होती है, भूख बढ़ती है और सांस संबंधी ज्यादातर परेशानियां कम होती हैं। 

ऐसे करें भस्त्रिका प्राणायम
सीधा बैठकर मुद्रा बनाएं और फिर सांस संतुलित तरीके से अंदर लें और बाहर छोड़ें। आसन के दौरान पहले सांस की गति धीमी रखें इसके बाद मध्यम और फिर तेज। जब सांस की गति तेज करें तो आप अपने हाथ आसमान की तरफ भी उठा सकते हैं। ऐसा करने से फेफड़ें की क्षमता बढ़ जाती है।

ये भी पढ़ें- Yoga भगाए रोग, लेकिन Heart Patient रहें इन सात आसनों से दूर https://healthyhindustan.in/yoga/heart-patients-not-to-do-these-asans-in-yoga/

डिस्क्लेमर- ये सलाह सामान्य जानकारी है और ये किसी इलाज का विकल्प नहीं है।

Follow

Subscribe to notifications

Most Viewed Posts

Share this Article
1 Comment
चमकती स्किन के लिए क्या खाएं किस तरह के तेल से करें मसाज ? क्या है निगेटिव कैलोरी फूड ऑयल मसाज ब्लॉकेज हटा कर ब्लड सर्कुलेशन ठीक करता है पांच बैक्टीरिया जो हर साल भारत में लाखों लोगों की लेते हैं जान
adbanner