DMA PROTEST: राजघाट की राह रुकी तो ‘शहीद-ए-आजम’ के सामने निकला दिल्ली के डॉक्टरों का गुबार!

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दिल्ली की जिस जहरीली हवा में राजधानीवासियों को डॉक्टर मॉर्निंग वॉक से मना करते हैं, रविवार की सुबह दिल्ली मेडिकल असोसिएशन (DMA) से जुड़े डॉक्टर उसी जहर को पीते हुए मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (march from Maulana Azad Medical College) के बाल भवन वाले गेट के पास जमा हुए। महिला, पुरुष, युवा, बुजुर्ग; हर उम्र के डॉक्टर। और फिर यहां से शुरू हुआ राजघाट मार्च (RAJGHAT MARCH) (RAJGHAT CHALO) का सफर (dma protest)। शांतिपूर्ण पैदल मार्च। बापू की समाधि के लिए बापू के बताए विरोध के तरीके से। खुद के खिलाफ हिंसा का विरोध करने के लिए अहिंसक रास्ते से विरोध जताने।


विरोध डॉक्टरों पर होने वाले हमले का। विरोध अस्पताल और नर्सिंग होम में तोड़फोड़ का। विरोध डॉक्टरों के साथ होने वाली बदसलूकी का। विरोध डॉक्टरों के साथ होने वाली हिंसा के खिलाफ प्रशासन के ढीले-ढाले रवैये का। और जैसे-जैसे सैकड़ों डॉक्टरों का हुजूम आगे बढ़ने लगा, हर तरफ गगनभेदी नारों की गूंज सुनाई पड़ने लगी- मारा मारी नहीं चलेगी, नहीं चलेगी नहीं चलेगी।

डीएमए (DMA) के प्रेसिडेंट अश्विनी डालमिया अपने वरिष्ठ साथी डॉ. विनय अग्रवाल और डॉ. गिरीश त्यागी के साथ खुद एक छोटी गाड़ी में सवार होकर नारेबाजी करते रहे और संगठन के दूसरे वरिष्ठ सदस्य मार्च के आगे आगे चलते रहे। डॉक्टरों के इस मार्च में नेतृत्व का एक अलग अंदाज दिखा।

चूंकि इस विरोध प्रदर्शन में कई बुजुर्ग महिला और पुरुष डॉक्टर भी शामिल थे, इसलिए कुछ दूर जाने के बाद दिल्ली की जहरीली हवा का असर उन पर दिखने लगा और सांस फूलने की वजह से कुछ ने मार्च से लौटने के बजाय इलेक्ट्रिक रिक्शे पर सवार होकर साथियों का साथ देना जारी रखा। लेकिन जैसे ही मार्च दिल्ली गेट पहुंचा, पुलिस ने बापू की समाधि तक जाने वाले रास्ते को बंद कर उन्हें लौटने को मजबूर करना शुरू कर दिया।

ऐसे में कुछ उत्साही डॉक्टरों ने सड़क पर ही लेट कर विरोध जताना शुरू कर दिया। सैकड़ों डॉक्टरों के ऐसा करने से दिल्ली गेट के धरना स्थल में बदलने का अंदेशा पैदा होने लगा तो डॉ. डालमिया ने फौरन नया ऐलान कर दिया ताकि जाम की वजह से दिल्ली वाले परेशान न हों।

डॉ. डालमिया ने ऐलान किया,

पुलिस अगर अहिंसा के पुजारी की समाधि तक जाने नहीं देगी तो हम अपना रास्ता बदलेंगे और अब हम वहां जाएंगे जिसने अंधी-बहरी हुकूमत को जगाने के लिए अहिंसक क्रांति का रास्ता अख्तियार किया था। हम शहीद-ए-आजम पार्क जाएंगे। हम भगत सिंह की मूर्ति के सामने अपनी आवाज उठाएंगे।”

डॉ. अश्विनी डालमिया, प्रेसिडेंट, दिल्ली मेडिकल असोसिएशन

DMA की अपील (DMA Appeal)

इस ऐलान के साथ ही सड़क पर लेटककर विरोध जताने वाले उठ खड़े हुए और डॉक्टरों का कारवां शहीद-ए-आजम पार्क के पास जनसभा में बदल गया। डॉक्टरों की इस सभा में डॉ. डालमिया ने प्रशासन से डॉक्टरों पर हमला करने वालों, बदसलूकी करने वालों, अस्पताल में तोड़फोड़ करने वालों से सख्ती से निपटने की अपील की। ऐसा नहीं होने पर विरोध में स्वास्थ्य सेवाओं को ठप करने से लेकर संसद मार्च तक की चेतावनी दे डाली। दिल्ली के अस्पतालों में डॉक्टर और दूसरे कर्मचारियों को काम का अच्छा माहौल देने से लेकर समय पर वेतन देने तक की अपील की गई।

DMA के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय अग्रवाल ने एमसीडी की तरफ से हाउस टैक्स फैक्टर को दो से चार करने का मुद्दा उठाया। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि व्यावसायिक बिजली (Commercial Power), Standalone क्लिनिकों में कमर्शियल वाटर चार्ज के दायरे में लाकर बोझ दोगुना कर दिया गया है, जिसे फौरन बदले जाने की जरूरत है।

  'राजघाट चलो’ कार्यक्रम के संयोजक डॉ. गिरीश त्यागी ने कहा कि पीएनडीटी एक्ट जैसे कई अतार्किक कानून, बायोमेडिकल अपशिष्ट (Biomedical Waste), ठोस अपशिष्ट शुल्क (Solid waste charges) लगा कर प्रदूषण से जुड़ी एजेंसियां से डॉक्टरों को परेशान करवाया जाता है। दिल्ली मेडिकल काउंसिल के प्रेसिडेंट डॉ. अरुण गुप्ता ने प्रशासन और सिस्टम के तमाम अंगों से डॉक्टरों की वाजिब शिकायतों पर गौर करने की अपील की। डॉ. अरुण गुप्ता के मुताबिक डॉक्टरों का पेशा ऐसा है जो दूसरों की तुलना में ज्यादा काम करता है, मरीजों की जान बचाता है लेकिन बदले में कई बार उन्हें हिंसा और अपमान मिलता है। बहुत बार तो बेवजह के केस-मुकदमों में उलझा कर उन्हें टॉर्चर किया जाता है। ये स्थित न तो डॉक्टरों के लिए अच्छी है, न मरीजों के लिए और न ही देश के लिए।

डीएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल बंसल ने साइन बोर्ड का साइज बड़ा बताकर बेवजह नोटिस भेजे जाने और लाखों का जुर्माना ठोके जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने फायर एनओसी को डॉक्टरों के जी का जंजाल बताया। विरोध प्रदर्शन में शामिल डॉ. नरेश चावला ने पुलिस-प्रशासन से डॉक्टरों और अस्पताल-नर्सिंग होम को सुरक्षा देने की मांग की।

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