जिस दिन भारत की हिफाजत करने वाले जवानों की धमक से कर्तव्य पथ से आ रही गूंज दुनिया तक पहुंच रही थी, जिस दिन दुनिया भारत में बने युद्धक टैंक अर्जुन, नाग मिसाइल प्रणाली, के 9 बज्र सिस्टम की झलक देख रही थी, जिस दिन गणतंत्र के सम्मान में भारत में बने 105 एमएम के तोप एक के बाद एक 21 बार सलामी के लिए गरज रहे थे; उसी 26 जनवरी को दुनिया को भारत ने मेड इन इंडिया पहली नेजल वैक्सीन की सौगात दे दी। कोरोना से बचाव के लिए नाक से दी जाने वाली भारत बायोटिक की यह वैक्सीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और विज्ञान व तकनीकी मंत्री जीतेंद्र सिंह ने लॉन्च की।
भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन (nasal vaccine) का शुरुआती नाम BBV154 था, जो अब iNCOVACC हो गया है। इस वैक्सीन को कोवैक्सीन और कोविशील्ड के डोज लेने वाले लोग बूस्टर डोज के तौर पर ले सकेंगे। यह वैक्सीन प्राइवेट हॉस्पिटल्स में 800 रुपये प्रति शॉट के हिसाब से उपलब्ध होगी जबकि सरकारी अस्पतालों के लिए यह सिर्फ 325 रुपये प्रति शॉट के हिसाब से उपलब्ध कराई जाएगी।

नेजल वैक्सीन iNCOVACC • प्राइवेट अस्पताल में कीमत : 800 रुपये • सरकारी अस्पताल में कीमत : 325 रुपये • बूस्टर डोज के तौर पर मिली मान्यता • 18 साल से ज्यादा उम्र के लोग ही ले सकेंगे
1. नेजल वैक्सीन वह वैक्सीन होती है जिसे सीधे नाक के जरिए दिया जाता है। इसे किसी को भी बहुत ही आसानी से दिया जा सकता है। इसे इंट्रानेजल वैक्सीन कहा जाता है। अब किसी को भी इसका डोज देने के लिए किसी तरह के इंजेक्शन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
2. इस नेजल वैक्सीन की खासियत यह है कि इसे सामान्य तौर पर कोरोना की बूस्टर डोज के तौर पर या फिर प्राइमरी वैक्सीन के तौर पर दिया जा सकता है।
3. यह खास वैक्सीन इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन के खिलाफ भी बहुत असरदार साबित होगी। इसे नाक के जरिए दिया जाता है इसलिए यह सीधे तौर पर उस जगह असर करेगी जहां पर कोरोना का वायरस सबसे तेजी से फैलता है। इसलिए यह माना जा रहा है कि यह पहले की वैक्सीन की तुलना में ज्यादा असरदायक होगी। वहीं इसे इंजेक्शन के जरिए दिया जाता है तो इंजेक्शन के जरिए फैलने वाले इन्फेक्शन का खतरा भी इसमें काफी कम हो जाएगा।
4. इस वैक्सीन को लगाने के लिए हेल्थ वर्कर्स को ट्रेनिंग देने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि इसे सीधे तौर पर नाक से दिया जाना है। वहीं इसका दूसरा बड़ा फायदा ये होगा कि इसके स्टोरेज की समस्या भी कम होगी और लाने-ले जाने और रखरखाव पर कम खर्च आएगा।
5. इससे पहले जो वैक्सीन लगाई जा रही है उसकी एक शीशी में कई डोज होते हैं जो कि एक बार खुलने के बाद ज्यादा समय तक नहीं चलती है। वहीं इसका यह फायदा होगा कि वैक्सीन का वेस्टेज भी कम होगा।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेन ने इस वैक्सीन को वॉशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ मिलकर तैयार किया है। नाक के जरिए स्प्रे करके ली जाने वाली यह वैक्सीन प्राइमरी और बूस्टर डोज के तौर पर ली जा सकती है। भारत सरकार से पिछले साल 23 दिसंबर को इस वैक्सीन को उपयोग के लिए मंजूरी दे दी थी। लॉन्चिंग से पहले यह बताया गया था कि इस वैक्सीन को सबसे पहले प्राइवेट हॉस्पिटल्स में उपलब्ध कराया जाएगा। बाकी दो वैक्सीन की तरह ही इस वैक्सीन के डोज लगवाने के लिए कोविन वेबसाइट से ही स्लॉट बुक किया जा सकेगा।
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कैसे कराएं स्लॉट बुक
• https://www.cowin.gov.in/ वेबसाइट पर जाएं
• कोविन में लॉगिन करने के लिए अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालें
• अगरआप पहले से यहां रजिस्टर्ड हैं, तो OTP का उपयोग करके लॉगिन करें
• CoWIN लॉगिन करने के बाद शेड्यूल ऑप्शन सर्च करें
• यहां आप पिनकोड या जिले के नाम का उपयोग करके वैक्सिनेशन सेंटर सर्च करें
• इसके बाद अपना सेंटर चुनें
• नेजल वैक्सीन बूस्टर डोज के लिए अपनी पसंदीदा तारीख और समय चुनें
• फिर इसे कंफर्म करें
• इसके बाद आपकों iNCOVACC की बुकिंग के लिए पेमेंट करना होगा
• पेमेंट हो जाने के बाद iNCOVACCके लिए आपका स्लॉट बुक हो जाएगा
बीते साल के आखिरी कुछ महीनों में दुनिया भर में जिस तरह कोरोना का कहर टूटा, उसने हर किसी को चिंता में डाल दिया। दुनिया में कोरोना की नई लहर आने का अंदेशा अब भी बना हुआ है। ऐसे में भारत बायोटेक की यह नेजल वैक्सीन बड़ी उम्मीद और राहत बन कर आई है। जानकारों का दावा है कि यह वैक्सीन वायरस के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों रोकेगी।