Heart Problem : WHO ने की अरबों लोगों के दिल के दुश्मनों की पहचान, जान बचाना है तो आप भी नहीं रहें अनजान

Healthy Hindustan
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दिल का धड़कना (Heart Beat) हमारे जिंदा रहने का सबूत है। धड़कन बंद तो जीवन खत्म। हमारा दिल दिन में करीब एक लाख बार धड़कता है। और ऐसा होने पर यह 24 घंटे में पूरे शरीर में करीब 5,000 गैलन खून पम्प करता है। ऐसा होने पर हमारे शरीर के टिश्यू को ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं। ऐसा न हो तो जिंदगी खतरे में पड़ जाती है।
सामान्य स्थिति में होने के बावजूद अगर धड़कन तेज या सुस्त हो, तो मान लीजिए आपका हार्ट बीमार है। इसलिए धड़कन की जरूरी रफ्तार बनाए रखने के लिए दिल यानी हार्ट की देखभाल जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक भारत में बीते एक दशक में हार्ट के मरीजों की संख्या करीब करीब दोगुनी हो गई है। WHO के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों से होने वाली 17.9 मिलियन मौतों में कम से कम पांचवें हिस्से के बराबर मौत भारत में होती है।
इन आंकड़ों पर यकीन करने की वजह है। नमूना के तौर पर मध्य प्रदेश के एक शहर रायसेन के बीते 8 महीने के आंकड़ों पर ही गौर कीजिए। रायसेन में बीते 8 महीने में 436 लोगों को हार्ट की बीमारी हुई। इनमें बीते 2 महीने में ही 177 लोगों को हार्ट अटैक की वजह से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। बीते दो महीने का मतलब भीषण सर्दियों के दिनों में। सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले बढ़ने की वजह है। सर्दी के मौसम में नसें सिकुड़ जाती हैं जिससे खून को हार्ट तक पहुंचने में मुश्किलें आती हैं। इसके अलावा ब्लॉकेज की स्थिति बनने पर भी हार्ट अटैक होता है।

हार्ट अटैक के लक्षण
• सीने में दर्द जो दबाव, जकड़न जैसा महसूस होता है
• दर्द या बेचैनी जो कंधे, हाथ, पीठ, गर्दन, जबड़े, दांत या कभी-कभी ऊपरी पेट तक फैल जाती है
• ठंडा पसीना
• थकान
• नाराज़गी या अपच
• चक्कर आना या अचानक से चक्कर आना
• जी मिचलाना
• सांस लेने में कठिनाई


सवाल उठता है कि भारत में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों की क्या वजह है? जानकार इसकी बड़ी वजह खराब जीवनशैली (Lifestyle) और खान-पान को मानते हैं। अल्कोहल और स्मोकिंग तो हार्ट अटैक की वजह हैं ही, लेकिन ब्लड प्रेशर, मोटापा, तनाव भी इसकी बड़ी वजहें हैं। लेकिन जिन चीजों पर ज्यादा बात नहीं होती, अब उसकी तरफ भी विशेषज्ञों ने ध्यान खींचना शुरू किया है।
गुल मंजन : पूर्वांचल में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों की एक वजह तंबाकू का सेवन है। बिहार और उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्से में गुल मंजन का चलन है। मुंह की सफाई के लिए बारीक पिसे तंबाकू को गुल मंजन कहा जाता है। डॉक्टरों के मुताबिक दांतों की सफाई के लिए इस गुल मंजन के इस्तेमाल से सामान्य मरीजों के हार्ट की कोरोनरी सेल्स प्रभावित हो रही हैं। इससे हार्ट में खून की सप्लाई पर असर पड़ता है।

गुल मंजन से डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह हार्ट की मांसपेशियों का एक तरह का रोग है, जिसमें हृदय के आकार में असामान्य वृद्धि, मांसपेशियों की दीवारों की मोटाई, बड़े पैमाने पर मांसपेशियों का बढ़ना और सिकुड़न होता है। इससे हार्ट की सिकुड़न और पंप करने की शक्ति कम हो जाती है, जो हार्ट अटैक के जरिये मरीज की मौत की वजह बनता है। 

ट्रांस फैट : भारत में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों की एक बड़ी वजह ट्रांस फैट है। WHO के मुताबिक दुनियाभर के 5 अरब लोग ट्रांस फैट की वजह से हार्ट से जुड़ी बीमारियों का सामना कर रहे हैं। ट्रांस फैट के खतरे को भांप कर WHO ने 2018 में ही फैक्ट्री में बनने वाले फैटी एसिड को खत्म करने की अपील की थी और इसे खत्म करने का टार्गेट 2023 रखा था। अब दुनिया 2023 में कदम रख चुकी है लेकिन ट्रांस फैट का इस्तेमाल भारत में कम जरूर हुआ है लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। WHO के मुताबिक बीते कुछ साल हर साल पांच लाख लोगों की मौत की वजह ट्रांस फैट ही बनता है।
असल में ट्रांस फैट को धीमा जहर कहा जाता है जो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड है। इससे वैसे तो नुकसान नहीं होता लेकिन जब इसे कारखानों में तैयार किया जाता है तब यह सेहत के लिहाज से जहर में बदल जाता है। असल में ट्रांस फैट को लिक्विड वैजिटेबल ऑयल में हाइड्रोजन मिलाकर तैयार किया जाता है। इसका मकसद इसे ठोस बनाने के साथ ही खाद्य पदार्थों की शेल्फ लाइफ बढ़ाना और सस्ता होना है। वैजिटेबल ऑयल में खतरनाक ट्रांस फैट होता है, जो हार्ट की धमनियों को बंद कर देता है। यह पैक्ड फूड मसलन चिप्स, कुरकुरे, बेक्ड फूड, केक, खाना पकाने के तेल में इस्तेमाल होता है। घर के बाहर समोसा, ब्रेड पकौड़े जैसी चीजें खाने के शौकीनों के लिए यह चेतावनी की तरह है। क्योंकि इसे बनाने के लिए जिस तेल का इस्तेमाल होता है वह लगातार खौलता रहता है और हर दिन बचने वाला तेल दूसरे दिन इस्तेमाल में लाया जाता है। ऐसे में ये तेल सेहत के लिए सबसे खतरनाक तेल यानी जहर में बदल जाता है।
WHO के महानिदेशक टेडरोस अदनोम गेब्रेहेसुस ने इस मुद्दे पर जारी हुई एक रिपोर्ट के हवाले से कहा,

ट्रांस फैट एक जहरीला केमिकल है जो इंसान को मारता है और भोजन में इसका कोई स्थान नहीं होना चाहिए। यह समय हम सभी के लिए इससे छुटकारा पाने का है।”

टेडरोस अदनोम गेब्रेहेसुस, WHO के महानिदेशक

WHO ने दुनिया के देशों से इसे पूरी तरह खत्म करने या फिर सभी खाद्य पदार्थों में कुल वसा के प्रति 100 ग्राम में सिर्फ दो ग्राम ट्रांस फैट की मात्रा अनिवार्य करने की अपील की है। अच्छी बात यह है कि भारत सरकार ने देश के लोगों के सेहत की फिक्र कर इस तरह क़दम उठाए हैं।

हार्ट अटैक का कारण : कोरोनरी हार्ट डिजीज में एक या अधिक धमनियों (कोरोनरी) में खून के रास्ते में रुकावट आ जाती है। यह आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल  जमा होने के कारण होता है जिसे प्लाक कहा जाता है। प्लाक धमनियों को संकुचित कर सकता है, जिससे हार्ट में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है। ब्लड सर्कुलेशन का रुक जाना ही हार्ट अटैक की असली वजह है। 


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