Fasting Rule : चैत्र नवरात्र और माह-ए-रमजान, सेहत में चमत्कार के लिए ऐसे रखें अपना ध्यान

Healthy Hindustan
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चैत्र नवरात्रि (navratri) की शुरुआत हो चुकी है और रमजान भी दस्तक दे चुका है। दो धर्मों के दो महापर्व एक साथ आए हैं तो इस बार देश के बड़े हिस्से में न तो ज्यादा गर्मी है और न ही सर्दी। हालांकि हर बीतते दिन के साथ व्रत रखने वालों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में, सर्दी के बाद गर्मी के लिए शरीर को तैयार करने और खुद को सेहतमंद बनाए रखने के लिए नवरात्रि और रमजान का समय बहुत सही अवसर है।
नवरात्रि के व्रत और उपवास अध्यात्म के लिहाज से शांति और सुकून देने वाले तो होते ही हैं, साथ ही सेहत के लिए भी यह फायदेमंद होता है। यह नियमित दिनचर्या से उब चुके लोगों को बदलाव का अवसर देता है। यह नए साल के मौके पर लिए गए संकल्प को बीच में छोड़ देने वालों के लिए फिर से नए संकल्प का मौका देता है। यह तन, मन और आत्मा की शुद्धि का जरिया बनता है। और यह सब रमजान के दौरान रोजा रखने वालों पर भी लागू होता है। हालांकि व्रत या रोजा रखने वाले अगर खान-पान को लेकर अनुशासित या ज्यादा अड़ियल नहीं रहते हैं तो उन्हें लेने के देने भी पड़ सकते हैं।

वैज्ञानिक तौर पर भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि रुक रुक कर किया जाने वाला व्रत, उपवास या रोजा (इंटरमिटेंट फास्टिंग) (IF) पाचन तंत्र को ठीक करने, मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने और वजन कम करने का एक अवसर है। कई रिसर्च से यह साबित हुआ है कि उपवास (इंटरमिटेंट फास्टिंग) वजन और ब्लड शुगर को काबू में रखने और किसी व्यक्ति को कम कैलोरी पर रखने का सबसे अच्छा जरिया है।

उपवास के फायदे
• वजन कम करने में फायदेमंद
• कम कैलोरी वाला खान-पान हाई ब्लड प्रेशर वालों के लिए फायदेमंद
• ब्लड शुगर पर कंट्रोल रखने में मददगार
• ब्लड लिपिड प्रोफाइल में सुधार
• ऑक्सिडेटिव तनाव को दूर कर हृदय रोग के जोखिम को कम करने में सहायक
• ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल को सुधारने में मददगार
• शरीर से विषैले पदार्थ निकालने (डिटॉक्स) में सहायक
• पाचन तंत्र को बेहतर करने में लाभकारी
• सूजन को कम कर गठिया, अस्थमा और एलर्जी के मरीजों को राहत देने वाला
• मेटाबॉलिक रेट बढ़ाकर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में कारगर
• मौसम के बदलाव के लिए शरीर को तैयार करने में मददगार
• मानसिक तौर पर मजबूती

व्रत में इन बातों का रखें ध्यान 
व्रत तोड़ते समय अधिक भोजन न करें। व्रत के दौरान शरीर को लिक्विड डाइट की जरूरत ज्यादा होती है। इसलिए, शरीर में पानी का स्तर बनाए रखने के लिए नींबू के रस या नारियल के पानी से उपवास तोड़ें। चाय या कॉफी (कैफीन) से बचें।
फलाहार करें, दूध, जूस और शेक्स का सेवन करें। स्नैक्स के रूप में भूने हुए मखाने खाएं लेकिन जंक फूड से बचें। 
उच्च कैलोरी, मीठा और तेलयुक्त भोजन करने से अपच और गैस की समस्या के अलावा डायबिटीज, हार्ट, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए मिठाई, मीठा, चीनी वाला शरबत और बेकरी उत्पादों से बचें। शहद और खजूर आदि का सेवन भी कर सकते हैं।
भोजन में कार्बोहाइड्रेट होना चाहिए जो फाइबर और मिनरल के साथ पर्याप्त एनर्जी देता है। रंगीन सब्जियां और सलाद विटामिन, मिनरल और फाइबर से भरपूर होते हैं, इसलिए खाने का हिस्सा बनाएं। 
अनाज के विकल्प के तौर पर व्रत के दिनों में कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा और राजगीरे के आटे का सेवन किया जा सकता है।
नवरात्रि के दिनों में नॉर्मल नमक की जगह सेंधा नमक का इस्तेमाल जरूर करें। सेंधा नमक के साथ-साथ कुछ मसाले जैसे कि काली मिर्च और जीरा पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 
नवरात्रि के व्रत के दौरान दही पनी, सफेद मक्खन, घी, मलाई आदि चीजों का सेवन कर सकते हैं।
ज्यादा तली-भुनी चीजों से परहेज करें लेकिन फ्रूट चार्ट को उपवास के दौरान खाने का हिस्सा बनाएं। 

रोजा रखने वाले बरतें ये एहतियात
• दिनभर के उपवास के बाद अचानक ऐसी चीजें न खाएं जिससे कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर बढ़े
• डायबिटीज और हार्ट के मरीज ज्यादा तेल और रोगन वाली चीजों से परहेज करें
• शाम को रोजा खोलने के बाद धीरे धीरे हल्का भोजन करें
• रोजे के बाद फल और जूस लेना ज्यादा फायदेमंद रहेगा
• माह-ए-रमजान के दौरान रोगी दवा लेने में लापरवाही न बरतें
• सहरी तथा इफ्तारी के समय दवा जरूर खाएं
• समय समय पर अपने डाक्टर की सलाह लेते रहें

कई रिसर्च में देखा गया है उपवास या रोजा रखने से शरीर में HGH नाम का एक हॉर्मोन रिलीज होता है, जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह हॉर्मोन वजन कम करना और मांसपेशियों को मजबूत करने का काम करता है।

डिस्क्लेमर- ये सलाह सामान्य जानकारी है और ये किसी इलाज का विकल्प नहीं है।

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