Cervical Spondylosis : पीठ और गर्दन के दर्द को किया इग्नोर तो जीवन भर रहेंगे परेशान

Healthy Hindustan
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Courtesy : Freepik

लाख तलवारें बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ
सर झुकाना नहीं आता तो झुकाएं कैसे


हो सकता है कि इस शेर को क्रांतिकारियों के मिजाज से जोड़कर आप देखें, लेकिन ये उन पर भी लागू होता है जो गर्दन के दर्द से परेशान हों। गर्दन दर्द की समस्या को सर्वाइकल पेन भी कहा जाता है और गर्दन से जुड़ी हुई और गुजरकर जाने वाली सर्वाइकल स्पाइन में जब दर्द होता है, तो उसे ही सर्वाइकल पेन कहते हैं। आम तौर पर इसे ही सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस भी कहते हैं। सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस को सर्वाइकल ऑस्टियोआर्थराइटिस, नेक आर्थराइटिस और क्रोनिक नेक पेन के नाम से भी जाना जाता है।
गर्दन में दर्द, जो सर्वाइकल को प्रभावित करता है, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस कहलाता है। यह दर्द गर्दन के निचले हिस्से, दोनों कंधों, कॉलर बोन और कंधों के जोड़ तक पहुंच जाता है। इससे गर्दन घुमाने में परेशानी होती है और कमजोर मांसपेशियों के कारण बांहों को हिलाना भी मुश्किल होता है। सर्दी का मौसम आते ही बहुत से लोगों को गर्दन की दाईं तरफ दर्द की शिकायत रहती है। लेकिन ये जरूरी नहीं कि ये दर्द केवल सर्दी के मौसम में ही हो।

कहां कहां सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस का दर्द

• गर्दन के निचले हिस्से
• दोनों कंधों
• कॉलर बोन
• कंधों के जोड़
• पीठ

गर्दन के जिस दर्द को पहले बढ़ती उम्र (40 साल से ज्यादा) की वजह माना जाता था, लाइफस्टाइल में आए बदलाव की वजह से ये दर्द अब किसी खास उम्र का मोहताज नहीं रहा। दफ्तर में कुर्सी पर बैठकर घंटों काम करने वालों से लेकर कम्प्यूटर पर घंटों काम करने वालों और मोबाइल-लैपटॉप पर दिन का बड़ा हिस्सा गुजारने वालों के लिए ये दर्द और ये बीमारी जाना पहचाना शब्द बन गया है।

क्यों होता है गर्दन में दर्द
• लगातार कुर्सी पर बैठकर काम करना
• सोते हुए पढ़ाई करना या टीवी देखना
• लगातार कम्प्यूटर पर काम करना
• मोबाइल फोन पर गर्दन झुकाकर लगातार काम
• गलत पॉश्चर
• ऊंचे तकिये के ऊपर सिर रखकर सोना
• हार्ड गद्दे या ज्यादा मोटे बिस्तर पर सोना


जानकारों का मानना है कि इस समस्या का सबसे प्रमुख कारण गलत पॉश्चर है, जिससे मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। दफ्तर में सही कुर्सी नहीं होना, लगातार कुर्सी पर बैठकर काम करना, गलत तरीके से सोना और बैठना भी इस बीमारी की वजह है। ऊंचे तकिये के ऊपर सिर रखना, हार्ड गद्दे या बहुत मोटे गद्दे पर सोना भी इसकी वजह हो सकती है। अब इस बीमारी की चपेट में बड़ी संख्या में वे लोग आ रहे हैं जो कम्प्यूटर या लैपटॉप पर एक ही पोजिशन में घंटों बैठकर काम करते हैं। अक्सर ऊपर या नीचे अधिक बार लंबे समय तक देखने के कारण या गाड़ी चलाने, किताबें पढ़ने के कारण यह दर्द हो सकता है।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण
• गर्दन का दर्द
• गर्दन का दर्द जो बांह और कंधे में भी महसूस हो
• खड़े होने, छींकने, बैठने, खांसने पर दर्द
• गर्दन को पीछे की ओर झुकाने या बगल की तरफ घुमाने पर होने वाला दर्द
• कमजोर मांसपेशियां जिससे कुछ ठीक से पकड़ना मुश्किल हो जाए
• गर्दन दर्द के साथ ही सिरदर्द और उलटी
• गोल गोल गर्दन घुमाने पर चक्कर आना
• ऊंगलियों में सुन्नपन
• चलते चलते गिरना या शरीर का असंतुलित होना
• गर्दन और पीठ में दर्द के साथ मांसपेशियों का सख्त हो जाना


जब यह बीमारी बढ़ जाती है तो इसका तीन तरह से इलाज संभव है। फिजिकल थैरेपी, दवा और सर्जरी के जरिये डॉक्टर या विशेषज्ञ इसका उपचार बताते हैं। हालांकि ज्यादातर डॉक्टर बेवजह पेन किलर (दर्द निवारक) दवा नहीं खाने की सलाह देते हैं और फिजियोथैरेपी के जरिये इसके इलाज की सलाह देते हैं। इस बीमारी के इलाज में सर्जरी को अंतिम विकल्प के रूप में देखा जाता है। फिजियोथैरेपिस्ट सूरज सिरोही सर्वाइकल स्पॉन्डलाइटिस से बचने के लिए सही पॉश्चर रखने की सलाह देते हैं।

नियमित व्यायाम, वॉक और योग से इस बीमारी को खुद से दूर रखा जा सकता है। यदि आप स्पॉन्डिलाइटिस का इलाज नहीं कराते हैं, तो रीढ़ की हड्डी या नसें सिकुड़ सकती हैं जिससे रीढ़ की हड्डी को स्थायी नुकसान पहुंच सकता है।”

सूरज सिरोही, फिजियोथैरेपिस्ट


किन बातों का रखें ध्यान
• काम करने के लिए हमेशा टेबल और चेयर का इस्तेमाल करें
• बिस्तर पर बैठकर काम करने या पढ़ने से बचें
• लैपटॉप या कम्प्यूटर और आंखों का लेवल 90 डिग्री पर हो
• लंबे सयम तक लैपटॉप का इस्तेमाल ना करें
• मोबाइल फोन को कान के बगल में दबाकर बात नहीं करें
• हर 30 मिनट के बाद कुर्सी से हट जाएं और थोड़ी देर वॉक करें
• रात को सोने के लिए पतला और हल्का तकिया इस्तेमाल करें
• बिस्तर कार्टिलेज (नाक के टिप) जैसा लचीला रखें
• जब भी गाड़ी चलाएं पीठ को सीधा रखें
• कुर्सी पर सीधा बैठें और पांव जमीन पर रखें

सिर को आगे और पीछे से दोनों हथेली मिलाकर बारी बारी से 10 तक की गिनती के साथ धीरे धीरे धक्का दें। इसी तरह बायें और दायें से अपने एक हाथ से सिर पर विपरीत दिशा में दवाब डालें। फिर गर्दन को धीरे धीरे बाएं से दाएं और दायें से बायें घुमाएं। इनके पांच सेट से लेकर दस सेट तक करें।ऐसा करने से गर्दन सामान्य होने लगता है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसके अलावा गर्दन की मालिश और गर्म पानी के पैक से सिंकाई करें।

सूरज सिरोही, फिजियोथैरेपिस्ट

फिजियोथैरेपिस्ट सूरज सिरोही गर्दन दर्द यानी स्पॉन्डिलाइटिस होने पर गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत करने की एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं। चूंकि कई बार Vitamin D की कमी से भी गर्दन दर्द बढ़ जाता है, इसलिए सूरज सिरोही नियमित रूप से रोजाना आधे घंटे तक शरीर में धूप लगाने की सलाह देते हैं। सिरोही इस बात पर जोर देते हैं कि किसी भी हालत में कम्प्यूटर पर आधे घंटे से ज्यादा न बैठें। अगर ऐसा करें तो कम से कम 30 सेकंड के लिए सीट से उठकर अपने हाथ आसमान की तरफ सीधा करें और दोनों तरफ फैलाएं। शरीर को स्ट्रेच करें। इन दिनों मोबाइल फोन से चिपके रहने वालों के लिए भी उनकी यही सलाह है।


जो लोग मोबाइल फोन की वजह से गर्दन दर्द से परेशान हैं, उनके लिए एक शेर सलाह के रूप में है-
तुम गर्दन उठाकर भी जी सकते हो
शर्त ये है कि एक दिन मोबाइल घर पर भी भूलो

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