Health Tips : ऐसे बनाएं फेफड़ों को फौलादी, कोरोना आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा

Healthy Hindustan
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बीते दो साल कोरोना के बुरे दौर को देख चुके भारत में कोरोना के फिर से बड़े पैमाने पर दस्तक देने को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कई हेल्थ एक्सपर्ट का दावा है कि भारत में मार्च महीने में कोरोना के मामलों में उछाल आ सकता है। अब तक का अनुभव यही बताता है कि भारत में कोरोना की वजह से जितनी मौत हुई, इसकी बड़ी वजह वायरस का फेफड़े तक पहुंचना रहा। यानी कोरोना जब किसी के शरीर में पहुंचता है तो वो जानलेवा वार करने के लिए फेफड़े में अपना घर बनाता है। इसलिए कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच फेफड़ों की हिफाजत सबसे ज्यादा जरूरी है। हालांकि देश में ज्यादातर लोगों ने वैक्सीन के दोनों डोज ले लिए हैं और अब बूस्टर डोज लेने का सिलसिला भी चल पड़ा है, फिर भी फेफडों की अनदेखी नहीं की जा सकती। फेफड़ों की देखभाल कुछ घरेलू नुस्खों से भी बेहतर तरीके से की जा सकती है।
भारत में कमजोर फेफड़े की वजह केवल कोरोना का कहर ही नहीं। भारत के महानगरों से लेकर शहरों में वायु प्रदूषण का जो हाल है, वो भी कमजोर फेफड़ों की बड़ी वजह है। सर्दियों के मौसम में फेफड़ों का बुरा हाल होना आम है। इसलिए फेफड़ों की तंदरुस्ती के लिए हम कुछ ऐसे नुस्खे बता रहे हैं जिसके लिए आपको अलग से मेहनत करने की जरूरत नहीं। फेफड़ों को सेहतमंद बनाने की तमाम चीजें आपके घर में ही मौजूद हैं।


प्याज और लहसुन :
प्याज और लहसुन हर रसोई का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। ये दोनों चीजें फेफड़ों के इंफेक्शन और सूजन को कम करने का काम करती हैं। कई जानकार सिगरेट-बीड़ी पीने वालों को कच्चा लहसुन खाने की सलाह देते रहते हैं। बताया जाता है कि कच्चा लहसुन खाने वालों के फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों की चपेट में आने का खतरा 40 प्रतिशत तक कम हो जाता है।

अदरक :
प्याज और लहसुन की तरह अदरक भी हर रसोई का अहम हिस्सा है। अदरक भी फेफड़ों के लिए काफी अच्छी मानी जाती है। इसका रोजाना सेवन फेफड़ों को तंदरुस्त रखता है। इसके अलावा मिर्च का सेवन करने से सर्कुलेशन बेहतर होता है और संक्रमण का खतरा भी कम होता है।

अलसी :
असली का प्रयोग महानगरीय और शहरी जिंदगी में कम हो गया है, लेकिन ग्रामीण जीवन का अलसी अब भी बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। अलसी का बीज Vitamin E से भरपूर होते हैं। Vitamin E बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। इसलिए अलसी के बीज का रोजाना सेवन करना फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है। अलसी के बीज का चूर्ण सब्जियों में मिलाकर खाया जाता है। इसके अलावा प्याज और दूसरी चीजों के साथ मिलाकर भी इसे खाया जाता है। अलसी के बीज के अलावा लोग अखरोट का भी सेवन कर सकते हैं।

शलजम :
शलजम का सेवन भी सर्दियों के मौसम में बहुत ज्यादा लाभकारी माना जाता है। इसमें विटामिन ए की मात्रा भरपूर होती है, जो फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। साथ ही किडनी की बीमारी और स्टोन जैसी समस्याओं से भी आराम दे सकती है।

मेथी की चाय :
फेफड़ों को हेल्दी और स्ट्रॉंग बनाना है तो मेथी की चाय पीना शुरू कर दें। मेथी की चाय कफ और बलगम को पिघला देती है। इससे लंग्स में इंफेक्शन का जोखिम भी नहीं रहता है। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और कोरोना के कारण लंग्से में इंफेक्शन का जोखिम रहता है। इंफेक्शन होने पर कफ या बलगम बढ़ जाता है और सांस लेने में घरघराहट आती है, सीना भारी रहता है। अगर आप रोज मेथी का काढ़ा या मेथी की चाय पीना शुरू कर दें तो तो बलगम बाहर आ जाएगा।


हल्दी वाल दूध :
हल्दी में करक्यूमिन होता है जो कैंसर से लड़ने में ही कारगर नहीं होता, बल्कि ये फेफड़ों के इंफेक्शन और सूजन को भी ठीक करता है। करक्यूमिन एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरा होता है और जब ये गर्म दूध के साथ मिलाया जाता है तो कफ को बाहर कर लंग्स के इंफेक्शन को दूर कर उसे मजबूती देता है।

सेब, टमाटर और नीबू :
नींबू, टमाटर और सेब जैसी चीजें भी फेफड़ों को मजबूत बनाती हैं। विटामिन सी रिच ये फूड लंग्स को साफ करने का काम करते हैं। सेब, नींबू और टमाटर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidants), फ्लेवोनोइड (Flavonoids), लाइकोपिन और विटामिन सी (Vitamin C) लंग फंक्शन्स को बढ़ाते हैं और इंफेक्शन से भी लड़ते हैं।

मुट्ठीभर मुनक्का :
काला किशमिश यानि मुनक्का भी फेफड़ों को मजबूत बनाता है। रोज़ रात में मुट्ठीभर मुनक्के भिगोकर रखें और अगले दिन सुबह खा लें। इससे, लंग्स सेहतमंद बनते हैं और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कम करता है।

कैसे जानें कि आपके लंग्स कमजोर हैं?
अगर आपको सांस लेने में दिक्कत होती है या आप थोड़ा सा चल कर ही थक जाते हैं तो इसका मतलब है कि आपके लंग्स कमजोर हैं। अस्थमा, निमोनिया या एलर्जी भी लंग्स को प्रभावित करते हैं। वहीं स्मोकिंग, शराब पीना जैसी गलत आदतें भी लंग्स को अंदर से खोखला करती हैं।

डिस्क्लेमर- यहां दी गई सामग्री केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी इलाज से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
हमारे डॉक्टरों के एक्सपर्ट पैनल से सलाह के लिए ईमेल करें- [email protected]



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