दौड़ने के फायदे हर कोई जानता है। टहलने के फायदे भी हर कोई जानता है। लेकिन उलटा चलना सेहत के लिए कितना फायदेमंद है और किन बीमारियों से ये आपको बचा सकता है, इसका शायद आपने अंदाजा न लगाया हो। कई बार जीवन में पीछे मुड़ना, पीछे मुड़कर देखना या पीछे लौटना ठीक नहीं माना जाता, लेकिन उलटा चलना हर व्यक्ति के लिए अच्छा साबित हो सकता है। उलटी चाल महज दिशा बदलने और पीछे चलने जैसा नहीं, बल्कि सेहतमंद होने की दिशा में चंद कदम बढ़ाना है।
चिकित्सा (medical) से जुड़ी दुनिया की कोई भी विधा हो या कोई भी संगठन, हर किसी ने सेहतमंद रहने के लिए शारीरिक सक्रियता (physical activity) को जरूरी बताया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी हर हफ्ते कुछ घंटों को एरोबिक एक्टिविटी (टहलना, तैरना, दौड़ना, साइकिलिंग करना) की सलाह दी है। सेहतमंद रहने के लिए कुछ नहीं तो तेजी से लगातार 35 मिनट चलने की सलाह तो सभी विशेषज्ञ देते ही हैं। ऐसे ही एरोबिक एक्टिविटी में शामिल उलटी चाल (Reverse Walking) की अहमियत पर अब ज्यादा जोर दिया जा रहा है। स्पोर्ट्स मेडिसिन के इंटरनैशनल जर्नल और जर्नल ऑफ फिजिकल थेरेपी साइंस में छपे एक रिसर्च में इसका विस्तार से जिक्र है।
दरअसल, सीधी चाल चलने से ज्यादा फायदेमंद उलटी सैर को माना गया है। वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि उलटी सैर से हमारे शरीर और दिमाग के बीच संतुलन बनता है। इसका फायदा हर उम्र के लोगों को होता है और यह बीमारी को दूर रखकर डॉक्टर और इलाज पर खर्च होने वाले पैसों से बचाता है। रोजाना करीब 30 मिनट तक उलटा चलने पर किडनी, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से जुड़ी बीमारियों में आराम मिलता है।

Reverse Walking के फायदे
• घुटनों के दर्द, तनाव और सूजन में फायदेमंद
• पैर में चोट और गठिया के रोग में भी फायदेमंद
• पैर के पीछे की मांसपेशियां मजबूत होती हैं
• एड़ियों के दर्द से राहत मिलती है
• पीठ दर्द कम करने में मददगार
• उलटा चलने से पीठ की मांसपेशियों की कसरत होती है
• रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्या और कमर दर्द में आराम
• शरीर और दिमाग में बेहतर संतुलने बनता है
• दिमाग की एकाग्रता बढ़ाता है
• सोचने-समझने की क्षमता को बढ़ाता है
• नींद में सुधार करता है
• डिप्रेशन और एंग्जाइटी से छुटकारा दिलाता है
• शरीर की अतिरिक्त कैलोरी तेजी से बर्न होती है
• वजन कम कर मोटापा घटाता है
उलटा चलने के इतने फायदे जानने के बाद आपके जेहन में यह सवाल उठ सकता है कि क्या वाकई ऐसा मुमकिन है? अगर है तो ये कैसे काम करता है? असल में जब हम सीधे चलते हैं तो हमारी आंखें दिमाग के साथ मिलकर शरीर के बाकी अंगों से तालमेल बिठाती है। यही उलटा चलने में भी होता है, लेकिन दोनों में बड़ा फर्क है। जब हम उलटा चलते हैं तो हमारा ब्रेन (brain) शरीर के तमाम सिस्टम के बीच बेहतर और अतिरिक्त को-ऑर्डिनेशन की मांग करता है, जिसके लिए ज्यादा वक्त की जरूरत होती है। यानी ब्रेन और शरीर के सामने ज्यादा चुनौती होती है, खासकर को-ऑर्डिनेशन के लेवल पर। इसी वजह से सामान्य चाल में सुधार होता है, ऑस्थोऑर्थराइटिस से लेकर मेंटल हेल्थ तक में सुधार होता है। ये तकनीक न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के शिकार और स्ट्रोक की बीमारी से उबर रहे लोगों की चाल, उसकी गति और बैलेंस का पता कर इसे बेहतर बनाती है।
एथलीट क्यों करते हैं Reverse Walk?
• आउटडोर गेम के लिए ज्यादातर कोच खिलाड़ियों को उलटा चलाते हैं
• यह चोट रोकने में मददगार होने के साथ ही ताकत और प्रदर्शन बेहतर करता है
• उलटा दौड़ने में कम ऊर्जा खर्च होती है और तकनीक बेहतर होती है
• वजन लेकर उलटा चलने से रनिंग टाइम में भी सुधार होता है
उलटा चलने के इतने ज्यादा फायदे जानने का मतलब ये नहीं है कि हर किसी को ऐसा करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं, स्ट्रोक के बुजुर्ग रोगियों, मोटर न्यूरो सिंड्रोम के मरीजों को बिना अपने डॉक्टर की सलाह के ऐसा नहीं करने की सलाह दी गई है। अब यह जानना जरूरी है कि उलटा कैसे चलें?

Reverse Walk कैसे करें?
• शुरुआत में घास वाले समतल मैदान में खुली जगह पर अभ्यास करें
• इस बात का ध्यान रखें कि पीछे कोई रुकावट न हो
• चोट लगने वाली चीजों के आसपास इसकी शुरुआत नहीं करें
• न तो कंधा मरोड़ें और न ही कंधे से ऊपर देखने की कोशिश करें
• अंगूठे को पीछे खींचते हुए सिर और छाती को ऊपर रखें
• अंगूठे से एड़ी की ओर अपने पैर को खींचते वक्त ऐसा करें
• जब तेजी से चलने लगें तो कुछ दिनों तक किसी की मदद लें
• वजन के साथ चलना चाहें तो कम वजन से शुरुआत करें
• लंबी दूरी तय करने के बजाय छोटी-छोटी दूरियों के कई सेट बनाएं
• अगर ट्रेडमिल पर प्रैक्टिस करना चाहें तो बेहद धीमी गति से शुरुआत करें
• घर के अंदर प्रैक्टिस करें तो आसपास कोई चोट पहुंचाने वाली बाधा न हो