अगर आप वॉट्सऐप और सोशल मीडिया पर आने वाले संदेशों पर भरोसा करते हैं तो ये खबर आपके लिए है। अगर आप सेहतमंद रहने के नुस्खे बताने वाले नीम-हकीमों के दावों पर आंखू मूंद कर भरोसा कर लेते हैं तो आपको खास तौर पर इस खबर पर नजर डालने की जरूरत है। क्योंकि ऐसा करने वालों के लिए इस खबर में बड़ा संदेश छुपा है, जो दिल्ली की एक बेटी की वजह से सोचने को मजबूर करता है।
कई लोगों को आपने मेहंदी के तमाम फायदे बताते सुने होंगे। लेकिन ये सबके लिए फायदेमंद हो और मेहंदी से जुड़े तमाम दावे सही ही हों, ये जरूरी नहीं। मेहंदी के फायदों से जुड़े दावों में एक दावा यह भी है कि 250 ग्राम दूध के साथ मेहंदी का 60 ग्राम रस मिलाकर पिलाने से रोगी को मिर्गी रोग में फायदा मिलता है। कुछ लोग मिर्गी रोग में मेहंदी के ताजे पत्तों के 20 ग्राम रस को 200 ग्राम गाय के दूध के साथ पीने की सलाह देते हैं।
लेकिन आप जानकर हैरान रहे जाएंगे कि दिल्ली में 9 साल की एक बच्ची को मेहंदी की वजह से ही मिर्गा के दौरे पड़ने लगे। सेहत के मुद्दे पर डराने के बढ़ते चलन के बीच अगर यह बात यूं ही उछाली गई होती तो शायद किसी ने ध्यान नहीं दिया होता। लेकिन जब दिल्ली के मशहूर अस्पताल सर गंगाराम अस्पताल के डॉ. (कर्नल) पी. के. सेठी इस मामले को लेकर सामने आए और यह पूरी केस स्टडी क्लीनिकल न्यूरोफिजियोलॉजी के लेटेस्ट एडिशन में भी छपी, तो हैरान होने के बाद इस पर यकीन करने के सिवाय कोई चारा नहीं था।
क्या है मामला?
मेहंदी लगाए जाने के बाद 9 साल की एक बच्ची को मिर्गी के दौरे पड़ने लगे, जबकि हाथ के जिस हिस्से में मेहंदी लगी थी वहां किसी तरह की न तो एलर्जी के लक्षण दिखे और न ही कोई और नुकसान के संकेत। मां-बाप सकते में थे। पहले तो मिर्गी के दौरे की वजह का पता नहीं चला लेकिन जब सालभर बाद बच्ची ने दाहिने हाथ में फिर मेहंदी लगाई तो वो पुराने लक्षण दोबारा उभर आए। ऐसा दो बार हुआ तो बच्ची को इलाज के लिए लाया गया।
बच्ची में क्या दिखे लक्षण?
• मेहंदी लगाने के बाद बच्ची के शरीर में सबसे पहले ऐंठन हुई
• ऐंठन होने के करीब 20 सेकंड बाद बच्ची बेहोश होकर गिर पड़ी
• कुछ देर के लिए उसकी सोचने-समझने की क्षमता भी खत्म हो गई
कैसे खुली बीमारी की पोल?
सर गंगाराम अस्पताल में न्यूरोलॉजी विभाग में डॉ. सेठी के सामने यह मामला आया तो बीमारी के लक्षण और इसकी वजह को लेकर उन्हें शक हुआ। डॉ. सेठी ने नोट किया कि बच्ची के दाहिने हाथ में मेहंदी लगी है। उन्होंने जांच के दौरान बच्ची के हाथ के हाथ को धीरे धीरे उसके चेहरे की तरफ करना शुरू किया और जैसे ही हाथ मरीज के सीने तक पहुंचा, बच्ची बेचैन होने लगी। डॉ. सेठी ने हाथ को वहीं रोक दिया लेकिन बच्ची में मिर्गी के दौरे के लक्षण तेज होने लगे। शरीर में ऐंठन और उसके बाद आंखें ऊपर चढ़ने से डॉ. सेठी के अनुभव ने बीमारी की वजह को भांप लिया। बच्ची करीब 20 सेकंड के लिए बेहोशी की हालत में चली गई। इसके बाद डॉ. सेठी इस नतीजे पर पहुंचे कि बच्ची को रिफ्लेक्स एपिलेप्सी है, जिसकी वजह मेहंदी की गंध है।
डॉ. सेठी के मुताबिक यह दुनिया का अनोखा मामला है जिसमें मेहंदी के गंध का किसी पर ऐसा असर दिखा। असल में, कई बार लगातार कुछ खास गंध से मिर्गी के दौरे पड़ने लगते हैं। आम तौर पर बिना किसी वजह के मिर्गी के दौरे पड़ने से यह मामला बिलकुल अलग था। इस बच्ची के मामले में स्किन पर मेहंदी लगाना बीमारी की वजह नहीं थी। मिर्गी के दौरे की वजह मेहंदी से आने वाली खास किस्म की मिट्टी की गंध थी जो ब्रेन तक पहुंचने के बाद नर्वस सिस्टम को उत्तेजित कर रही थी, जिससे मिर्गी के फैक्टर ट्रिगर हो रहे थे। मिर्गी का इलाज शुरू होने के बाद बच्ची अब सामान्य है लेकिन डॉ. सेठी ने मां-बाप को उसे हर हाल में मेहंदी से दूर रखने की ताकीद की है।
क्या होता है मिर्गी?
मिर्गी (Epilepsy) एक न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर (Neurological Disorder) है, जिससे दिमाग (Brain) में असामान्य तरंगें पैदा होती हैं। दिमाग में गड़बड़ी के चलते इंसान को बार-बार दौरे पड़ने लगते हैं। दिमाग पर चोट लगने या चोट के निशान रह जाने की वजह से भी अक्सर लोगों को मिर्गी का दौरा पड़ता है। मिर्गी का दौरा पड़ने पर मरीज का दिमागी संतुलन पूरी तरह गड़बड़ा जाता है और उसका शरीर लड़खड़ाने लगता है।
मिर्गी होने की वजह
किसी गंभीर बीमारी, तेज बुखार या हार्ट डिजीज की वजह से भी इंसान को ये बीमारी हो सकती है। 35 साल से ज्यादा उम्र के लोग अक्सर स्ट्रोक की वजह से इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं। दिमाग में ऑक्सीजन की कमी होने पर भी मिर्गी का दौरा पड़ सकता है। ब्रेन ट्यूमर या दिमाग में फोड़ा, डेमेंशिया या अल्जाइमर जैसी बीमारियों की वजह से भी मिर्गी का दौर पड़ सकता है। इसके अलावा एड्स या मैनिंजाइटिस जैसी बीमारियों की चपेट में आने के बाद भी इंसान इसका शिकार हो सकता है।
मिर्गी के लक्षण
• आंखों के आगे अंधेरा छाना
• शरीर का अकड़ जाना
• मुंह से झाग आना
• अचानक गिर जाना
• बेहोश हो जाना
• आंखों की पुतलियों का ऊपर की तरफ खिंचना
• हाथ या पैर का लगातार चलना या झटके सा लगना
• होंठ या जीभ काट लेना
मिर्गी से बचाव के लिए क्या करें?
• पर्याप्त नींद लें
• स्ट्रेस मैनेजमेंट सीखें
• नशीली दवाओं और शराब से दूर रहें
• तेज रोशनी से बचें
• कम्प्यूटर पर ज्यादा देर तक काम न करें
मेहंदी के गंध की वजह से मिर्गी के दौरे पड़ने का यह मामला अनोखा जरूर है, लेकिन मेहंदी की वजह से सेहत के नुकसान का पहला मामला नहीं। हालांकि ज्यादातर मामलों में सेहत को होने वाले नुकसान के लिए मेहंदी जिम्मेदार नहीं। मेहंदी लगाए जाने के बाद हाथों में खुजली, स्किन का लाल होना, जलन, मेहंदी लगे हिस्से के छिल जाने के मामले अक्सर सामने आते हैं। ऐसे मामलों में ज्यादातर की वजह मेहंदी में केमिकल की मिलावट होती है।
असल में मेंहदी बेचने वाले इसके मिक्सचर में पैरा-फेनिलीनडायमाइन (PPD) का इस्तेमाल करने लगे हैं। पैरा-फेनिलीनडायमाइन का इस्तेमाल हेयर डाई, फैब्रिक डाई और यहां तक कि मेकअप प्रोडक्ट में भी किया जाता है। ऐसा तब है जब स्किन पर PPD के इस्तेमाल पर रोक है। मेंहदी में उपयोग किए जाने वाले दूसरे केमिलक कारमाइन, पाइरोगैलोल, ऑरेंज डाई, क्रोमियम, सिल्वर नाइट्रेट आदि हैं, जो स्किन पर मेंहदी के रंग को गाढ़ा करने में मदद करते हैं। इन केमिकल के इस्तेमाल से इनकी शेल्फ-लाइफ बढ़ जाती है। हालांक अब बाजार में नकली मेंहदी भी आ गया है जिसमें केरोसिन, गैसोलीन, हल्का तरल पदार्थ, बेंजीन, पेंट थिनर और अन्य जैसे हानिकारक पदार्थ होते हैं जबकि मेहंदी की पत्तियां नहीं होतीं। स्किन एलर्जी और रिएक्शन की बड़ी वजह यही केमिकल हैं। इसलिए मेहंदी नहीं, बाजार के नकली मेहंदी से रहें सावधान।
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