Cholesterol Managment : मौत को मात देगा एक इंच दालचीनी, कोलेस्ट्रॉल को काबू में रखने का ये है रामबाण उपाय

Healthy Hindustan
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कोलेस्ट्रॉल यानी हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे की वह वजह, जिसकी दस्तक दिल और दिमाग को चकरघिन्नी बना देती है। रिपोर्ट में कोलेस्ट्रॉल ने जैसे ही हद पार की, डॉक्टर की नसीहत डरावनी लगने लगती हैं। यह सच है कि बेहताशा बढ़ा बुरा कोलेस्ट्रॉल दिल (Heart) ही नहीं दिमाग (Brain) की नस के बंद होने से लेकर फटने तक का खतरा पैदा करता है।
बैड कोलेस्ट्रॉल को मेडिकल की भाषा में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (ldl cholesterol) कहा जाता है, जो अपने नाम की तरह गंदा पदार्थ है। हालांकि यह शरीर में चिकनाई की शक्ल में मोम की तरह नसों में मौजूद रहता है और नसों को ब्लॉक कर देता है। यह हाथ, पैर, पीठ या शरीर में कहीं भी मौजूद खून की नली में जम सकता है। ऐसा होने पर खून बहना कम या बंद हो जाता है।

शरीर में कितना कोलेस्ट्रॉल खतरा नहीं?
• Total Cholesterol 150mg/dL से नीचे हो
• LDL Cholesterol100mg/dL से नीचे हो
• HDH Cholesterol 40mg/dL से नीचे हो

जब कोलेस्ट्रॉल का स्तर इससे ऊपर हो जाता है और धीरे धीरे खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है तो यह जगह जगह जमा होने लगता है। एक जगह जमने के बाद कोलेस्ट्रॉल प्लाक का निर्माण करता है। जब इस प्लाक का कोई हिस्सा टूटकर खून में बहने लगता है तो आगे जाकर हार्ट (Heart) या दिमाग (Brain) के बेहद करीब पहुंच जाता है।

ब्रेन में कोलेस्ट्रॉल पहुंचने पर क्या खतरा?
बेहद बारीक धमनियां हार्ट की तरह ब्रेन यानी दिमाग तक खून पहुंचाने का काम करती हैं। इन धमनियों के रास्ते खून के जरिये ही ब्रेन को ऑक्सीजन (oxygen) और पोषण (nutrition) मिलता है। चूंकि ये धमनियां बेहद बारीक होती हैं इसलिए कोलेस्ट्रॉल का छोटा से छोटा टुकड़ा इसके रास्ते को ब्लॉक कर खून को दिमाग तक पहुंचने से रोक सकता है। अगर किसी भी वजह से ऐसा हुआ तो यह स्ट्रोक की वजह बनता है। इसी तरह की स्थिति में कई बार खून की धमनियां फट जाती हैं जिससे कई बार नाक के जरिये भी खून बहने लगता है। इस स्थिति को ब्रेन हैमरेज (brain hemorrhage) भी कहा जाता है।

डॉक्टरों के मुताबिक स्ट्रोक से बचने का एक ही रास्ता है कि शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा पर अंकुश लगाया जाए। जब दिमाग में कोलेस्ट्रॉल की वजह से खून पहुंचाने वाली नसों का रास्ता ब्लॉक नहीं होगा तो स्ट्रोक का खतरा भी नहीं रहेगा। लेकिन स्ट्रोक अगर आया तो इससे जान जाने का भी खतरा है।

दालचीनी बचा सकता है जान
कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए दालचीनी (Cinnamon) का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। Pubmed पर छपी रिसर्च कहती है कि 1.5 ग्राम दालचीनी पाउडर (Cinnamon Powder) से Total Cholesterol, LDL Cholesterol और Triglyceride का लेवल कम किया जा सकता है। Triglyceride भी एक तरह का वसा (Fat) ही है जो हमारे शरीर के खून में मौजूद होता है।

कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिए कैसे लें दालचीनी?
• बैड कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिए गुनगुने पानी में आधी छोटी चम्मच दालचीनी का पाउडर रोज लें
• दालचीनी का पाउडर नहीं हो तो 1-2 इंच लंबा दालचीनी का टुकड़ा कूट कर गुनगुने पानी में लें

हार्ट अटैक और स्ट्रोक से दूर रखे दालचीनी
स्ट्रोक और ब्रेन हेमरेज से बचाने के साथ दालचीनी से हार्ट अटैक का खतरा भी टलता है। दरअसल कोलेस्ट्रॉल के साथ इसे ट्राइग्लिसराइड लेवल को घटाने में भी असरदार पाया गया और यही दो चीजें ऐसी हैं जो हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक की सबसे बड़ी वजहें हैं।

आंकड़ों की बात करें तो Heart से जुड़ी बीमारियां दुनियाभर में मौत के सबसे बड़े कारणों में एक है। साल 2019 में हार्ट की बीमारी के कारण दुनियाभर में करीब 1 करोड़ 80 लाख लोगों की मौत हुई। इसमें करीब 85% मौतें केवल हार्ट अटैक और स्ट्रोक के कारण हुईं।

दालचीनी एक फायदे अनेक
ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने और हार्ट को हेल्दी रखने में दालचीनी मदद करता है। बिरजंड यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज की एक नई स्टडी में यह भी पाया गया है कि इसमें मौजूद कुछ पोषक तत्व हमारी याददाश्त को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं। दालचीनी में मौजूद सिनामिक एसिड, यूजेनॉल और सिनामाल्डिहाइड का ब्रेन पर पॉजिटिव असर पड़ता है।

दालचीनी के सेवन के कुछ और तरीके 
• दालचीनी का पानी: 
आप दालचीनी का एक डिटॉक्स वॉटर बना सकते हैं और इसका सेवन सुबह सुबह कर सकते हैं. आपको बस आधा इंच दालचीनी की छड़ी को पूरी रात एक गिलास पानी में भिगोए रखना है और अगले दिन सुबह पी लेना है। 

• दालचीनी टी: 
जिन लोगों को सुबह-सुबह कुछ गर्म पीने की आदत होती है, वे लोग दालचीनी की चाय पी सकते हैं।  आपको बस पानी उबालते वक्त उसमें आधा चम्मच दालचीनी का पाउडर मिलाना है। इसे मध्यम आंच पर 5 से 7 मिनट तक उबालना है और फिर छानकर पी लेना है। 

• चीनी की जगह दालचीनी: 
दालचीनी एक नेचुरल स्वीटनर है। चीनी सेहत के लिए नुकसानदायक होती है, इसलिए मिठास के लिए आप चीनी के बजाय दालचीनी पाउडर को अपने किचन इंग्रेडिएंट्स में शामिल कर सकते हैं।

• मसाले की तरह करें इस्तेमाल: 
दालचीनी को आप अपनी सब्जियों में शामिल करें या इसे अपनी दाल में तड़का लगाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। 

डिस्क्लेमर- ये सलाह सामान्य जानकारी है और ये किसी इलाज का विकल्प नहीं है।

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