Prostate : पेशाब में दिक्कत हो तो समझ लीजिए कि हो गई पौरुष ग्रंथि में गड़बड़ी की शुरुआत!

Healthy Hindustan
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क्या आपको पेशाब पूरी तरह नहीं आता है? क्या आपका पेशाब लीक करता है? अगर ऐसे लक्षण न हों या फिर इन लक्षणों के साथ पेशाब करते समय दर्द भी महसूस करते हैं तो फिर आपको अपने सेहत को लेकर गंभीर होने की जरूरत है। एक बार पेशाब करने के कुछ ही देर बाद फिर से पेशाब की जरूरत महसूस करना, जोर लगाने पर पेशाब आना, पेशाब रुक-रुक कर या बार-बार आना, पेशाब का फ्लो धीमा या पतला हो जाना; अगर ऐसे लक्षण हैं तो समझ जाइए कि आपका प्रोस्टेट बढ़ गया है और इसकी वजह से आपके पेशाब में रुकावट आ रही है। यह एक बीमारी का लक्षण है, जिसकी लापरवाही प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) तक की वजह बन सकती है।

प्रोस्टेट (Prostate)एक ग्रंथि (gland) है जो केवल पुरुषों में होता है और जीवनभर बढ़ता रहता है। यह अखरोट के बराबर का होता है जो ब्लैडर के निचले हिस्से में मूत्रमार्ग (urethra) को चारों तरफ से घेरे रहता है। इस प्रोस्टेट ग्रंथि में जब असामान्य रूप से वृद्धि होती है तो यह मूत्रमार्ग पर दबाव डालने लगता है और इससे पेशाब की धारा में रुकावट आने लगती है। प्रोस्टेट का आकार बढ़ने का रिश्ता बढ़ती उम्र से तो है ही, साथ ही होर्मोन्स में बदलाव और असंतुलन भी इसकी एक वजह है। कुछ स्टडी के नतीजे बताते हैं कि पुरुषों में पाया जाने वाला टेस्टोस्टेरोन (testosterone) हॉर्मोन की वजह से भी प्रोस्टेट का आकार बढ़ता है। 

दिल्ली के दरियागंज स्थित संजीवन अस्पताल (Sanjeevan Hospital) में यूरोलॉजिस्ट (Urologist) डॉ. अतुल भटनागर (Dr. Atul Bhatnagar) के मुताबिक बदली जीवन शैली और तेज रफ्तार जिंदगी की वजह से प्रोस्टेट बढ़ने के मरीजों की संख्या में उछाल आया है। डॉ. भटनागर के मुताबिक कुछ बरस पहले तक 50 साल की उम्र के बाद ऐसे मामले आम माने जाते थे। लेकिन अब 45 साल के बाद ही कई मरीज रात में बार बार पेशाब के लिए जगने और पेशाब से जुड़ी दूसरी परेशानियों की चपेट में आने लगे हैं, जिसकी बड़ी वजह प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate gland) का बढ़ना है।
सवाल उठता है कि प्रोस्टेट का आकार बढ़ने की पहचान कैसे हो? डॉ. अतुल भटनागर कहते हैं,

“पेशाब में परेशानी महसूस करने वाले मरीजों को किडनी, यूरिनरी ब्लाडर और प्रोस्टेट का अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी जाती है। आम तौर पर एक सेहतमंद पुरुष का प्रोस्टेट करीब 25cc का होता है। अगर किसी के प्रोस्टेट का आकार इससे बड़ा हो तो वह पेशाब से जुड़ी हुई परेशानियों को महसूस करेगा। प्रोस्टेट में सूजन का पता लगाने के लिए Digital Rectal Examination (DRE) भी किया जाता है।”

डॉ. अतुल भटनागर, यूरोलॉजिस्ट

पेशाब करने में परेशानी महसूस करने वाले मरीजों के प्रोस्टेट का आकार और सूजन जानने के लिए अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) और Digital Rectal Examination के अलावा post void residual urine volume भी किया जाता है। इस प्रक्रिया में ब्लैडर में बचे हुए पेशाब का माप लिया जाता है ताकि पता चले कि उनमें यूरिन रिटेंशन (urine retention) कितना है। इसी तरह पेशाब की धार और बार बार पेशाब की दिक्कत महसूस करने वालों का uroflowmetry टेस्ट भी कराया जाता है। इस टेस्ट से पेशाब की प्रवाह, धार और उसकी तीव्रता का पता चलता है। असल में इस तरह की जांच के बाद ही डॉक्टर ये तय करते हैं कि किसी मरीज का इलाज केवल दवाइयों से करना है या फिर उन्हें सर्जरी यानी ऑपरेशन की जरूत है।
डॉ. भटनागर के मुताबिक हल्के या मध्यम लक्षण वालों का इलाज दवाइयों से संभव है। लेकिन जिस व्यक्ति को बढ़े प्रोस्टेट की वजह से दर्द और ज्यादा परेशानी से गुजरना पड़ रहा हो, उसका इलाज ऑपरेशन से ही संभव है। डॉ. भटनागर के मुताबिक जिनके ब्लैडर में पेशाब भरा रहता है और कोशिश करने के बावजूद वह खाली नहीं हो पाता, डॉक्टर ऐसे मरीजों के पेशाब के रास्ते में नलिका डालकर ब्लैडर खाली करा देते हैं और फिर कुछ दिनों तक दवाइयों से मरीज को ठीक करने की कोशिश होती है। लेकिन जब दवाइयों से सुधार न हो तो फिर सर्जरी ही विकल्प है।
प्रोस्टेट ग्रंथि की वजह से पेशाब के रास्ते में आई रुकावट को दूर करने के लिए होने वाली सर्जरी मामूली होती है। इसके लिए पेशाब के रास्ते में रिसेक्टोस्कोप (Resectoscope) नाम का एक यंत्र डाला जाता है। इस यंत्र से पेशाब का रास्ता रोकने वाले प्रोस्टेट ग्लैंड के हिस्से को कुरेद कर निकाल दिया जाता है।
प्रोस्टेट में सूजन के लिए HoLEP भी इलाज के रूप में एक विकल्प है, जो Holmium Laser Prostate Surgery या Holmium Laser Enucleation of the Prostate (HoLEP) और एक minimally – invasive प्रक्रिया है। इसमें पेशाब की धारा रोकने वाली प्रोस्टेट टिश्यू को Homium लेजर की मदद से पूरी तरह से निकाल दिया जाता है।

प्रोस्टेट के मरीज रखें ध्यान 
रात को सोने से दो-तीन घंटे पहले से पानी पीना कम कर दें 
ज्यादा तला-भुना नहीं खायें क्योंकि इससे मोटापे के साथ साथ प्रोस्टेट भी बढ़ता है 
रेड मीट खाने से परहेज करें 
कैफीन और शराब पीने से ज्यादा पेशाब बनता है, इसलिए इनसे बचें 
ताजा फल-सब्जियों का सेवन करें 

प्रोस्टेट ग्लैंड के ऑपरेशन में मरीज को तीन दिनों में ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। हालांकि डॉक्टर ऑपरेशन कराने वाले मरीजों को उनको ज्यादा कसरत नहीं करने की सलाह देते हैं। ऐसे मरीजों को ऑपरेशन के बाद भारी सामान यानी वजन उठाने भी मना किया जाता है।

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