पुरुषों में पेशाब की थैली के नीचे पायी जाने वाली ग्रंथि (Prostate Gland) में होने वाले कैंसर को प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) कहा जाता है, जो कि पुरुषों में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। जब प्रोस्टेट में कोशिकाएं बेहिसाब बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर बनाने के लिए एक साथ जमा होने लग जाती हैं, तब प्रोस्टेट कैंसर होता है। पुरुष के मूत्राशय के नीचे मौजूद अखरोट के आकार का प्रोस्टेट शुक्राणुओं (sperm) को पोषण (nutrition) और सुरक्षा देने के लिए है, लेकिन कई बार यह बुजुर्गों के लिए जानलेवा साबित होता है।
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण प्रोस्टेट से जुड़ी सामान्य बीमारियों से ज्यादा अलग नहीं होतीं, इसलिए इसकी पहचान में देरी होती है और देरी से इलाज मौत की वजह बनता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक 2020 में 10 मिलियन लोगों की मौत कैंसर के कारण हुई। वहीं, इसी साल दुनिया भर में करीब 1.41 मिलियन लोग प्रोस्टेट कैंसर की चपेट में भी पाए गए। इससे यह दुनिया में चौथा सबसे अधिक निदान किया जाने वाला कैंसर बन गया।
अगर प्रोस्टेट कैंसर का पता इसके शुरुआती स्टेज में लग जाये (जब कैंसर प्रोस्टेट ग्रंथि तक ही सीमित हो), प्रोस्टेट कैंसर का इलाज आसानी से किया जा सकता है। परंतु प्रोस्टेट कैंसर तब तक महत्वपूर्ण संकेत नहीं दिखाता जब तक कि यह एडवांस स्टेज में आ जाए। इसीलिए इसका जल्द से जल्द पता लगाने के लिए इनके लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है। दिल्ली के दरियागंज स्थित संजीवन अस्पताल (Sanjeevan Hospital) में यूरोलॉजिस्ट (Urologist) डॉ. अतुल भटनागर के मुताबिक
पेशाब से जुड़ी किसी भी परेशानी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। डॉ. भटनागर कहते हैं कि प्रोस्टेट ग्रंथि में बनने वाला ट्यूमर मूत्राशय और मूत्रमार्ग पर दबाव डालकर पेशाब करने में परेशानी पैदा कर सकता है। अक्सर पेशाब के साथ समस्या प्रोस्टेट कैंसर का सबसे प्रमुख संकेत होता है।
डॉ. अतुल भटनागर, यूरोलॉजिस्ट, संजीवन अस्पताल, दिल्ली
इसलिए कुछ संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
ऐसे लक्षणों पर ध्यान दें
बार बार पेशाब आना
पेशाब का दबाव बनते पर रोक नहीं पाने की हालत
रात में बार-बार पेशाब आना
पेशाब की धारा कमजोर होना
पेशाब की गति का सामान्य से धीमी होना
पेशाब के दौरान दर्द महसूस होना
पेशाब शुरू करने या रोकने में दिक्कत महसूस होना
दर्द या सुन्नापन (numbness) महसूस होना
इजेकुलेटिंग में कठिनाई
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन
मूत्राशय पर दबाव महसूस होना
पेशाब या वीर्य (sperm) में खून आना
डॉ. भटनागर कहते हैं आम तौर पर प्रोस्टेट कैंसर उन्हें होता है जिनके परिवार में इस तरह की हिस्ट्री रही हो। जेनेटिक के साथ ही मोटापे से ग्रस्त लोगों को भी दूसरों की तुलना में इसकी चपेट में आने का अंदेशा ज्यादा है। इस कैंसर का सबसे महत्वपूर्ण और खतरनाक पहलू यह है कि यह प्रोस्टेट के बाहर फैल सकता है। ऐसे में इससे ऐसे लक्षण सामने आते हैं जो सामान्य मूत्र संबंधी लक्षणों से भिन्न हो सकते हैं।
शरीर के दूसरे भागों में प्रोस्टेट कैंसर पर फैलने पर सामान्य रूप से हड्डियों में दर्द, अत्यधिक थकान, अस्वस्थ होने की सामान्य भावना और वजन कम होने जैसे लक्षण नजर आते हैं। इसके अलावा, कुछ लोगों को उस क्षेत्र के लिए विशिष्ट लक्षणों का अनुभव हो सकता है जहां कैंसर फैल गया है। कई बार प्रोस्टेट कैंसर की वजह से पैरों में सूजन के भी लक्षण दिखते हैं। इसकी वजह प्रोस्टेट कैंसर का लिम्फ नोड में फैलना है। लेकिन यह भी याद रखें कि पैरों में सूजन का मतलब प्रोस्टेट कैंसर होना जरूरी नहीं है। कई अन्य स्वास्थ्य स्थितियां हैं जो पैर में सूजन और दर्द का कारण बन सकती हैं।
स्वास्थ्य वैज्ञानिक डॉ. ए.के. अरुण इसके खतरनाक पहलुओं की तरफ ध्यान खींचते हैं,
“प्रोस्टेट कैंसर केवल स्थानीय क्षेत्र या लिम्फ नोड्स तक ही सीमित नहीं है। यह हड्डियों, आंतों, यकृत और फेफड़ों में भी फैल सकता है।” आमतौर पर PSA ब्लड टेस्ट या ELE की जांच के दौरान ही ज्यादातर प्रोस्टेट कैंसर का पता चलता है। इसलिए पेशाब से जुड़ी दिक्कतों के बाद PSA ब्लड टेस्ट जरूर कराना चाहिए। कैंसर का पता लगाने के लिए यूरिन रूटीन टेस्ट और कल्चर टेस्ट भी किया जाता है।
डॉ. ए.के. अरुण, स्वास्थ्य वैज्ञानिक
PSA टेस्ट के मायने
PSA टेस्ट में खून में प्रोस्टेट विशिष्ट एंटीजन (प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन) नाम के प्रोटीन के स्तर को मापा जाता है। प्रोस्टेट ग्रंथि PSA बनाती है और इसका बढ़ा लेवल प्रोस्टेट कैंसर या अन्य प्रोस्टेट रोगों के होने का इशारा दे सकता है। अगर आपकी उम्र 50 साल से 69 साल के बीच है और आपके PSA टेस्ट का नतीजा 3ng/ml या उससे ज्यादा है तो इसका मतलब आपके PSA का स्तर बढ़ा हुआ है। खून में बढ़ा हुआ PSA का स्तर प्रोस्टेट कैंसर का संकेत हो सकता है।
अच्छी बात यह है प्रोस्टेट कैंसर का इलाज संभव है, बशर्ते इसका पता शुरूआती स्टेज में चल जाए। प्रोस्टेट कैंसर में बाकी लक्षण तब दिखते हैं जब कैंसर शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाए।
फैलने के बाद प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण
छाती में कैंसर फैलने से खांसी हो सकती है
हड्डियों में प्रोस्टेट कैंसर फैलने से पूरे शरीर में दर्द हो सकता है
पेशाब में खून आना इस कैंसर का बेहद अहम लक्षण हो सकता है
हर बार प्रोस्टेट कैंसर में पेशाब में ब्लड आए ये जरूरी नहीं है
अगर प्रोस्टेट कैंसर सिर्फ प्रोस्टेट तक ही सीमित है तो इसका पूरी तरह से इलाज मुमकिन है। इसको दो तरह से किया जाता है। पहला तरीका है रोबोटिक सर्जरी जिसमें मरीज जल्दी ठीक होता है। चूंकि इस प्रक्रिया में ज्यादा खून नहीं निकलता, इसलिए मरीज को ICU में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ती और एक से दो दिन के अंदर उसे डिस्चार्ज कर दिया जाता है। अगर कैंसर प्रोस्टेट से बाहर भी फैल चुका है या मरीज सर्जरी के लिए फिट नहीं है, तो ऐसे में रेडिएशन और हॉर्मोन थेरेपी से इलाज किया जाता है।
इनसे बढ़ता है प्रोस्टेट कैंसर का खतरा
धूम्रपान
खराब खान-पान
मोटापा
व्यायाम की कमी
डिस्क्लेमर- ये सलाह सामान्य जानकारी है और ये किसी इलाज का विकल्प नहीं है।