Fitness : इन लक्षणों में छिपा है आपकी Health का राज, ये गड़बड़ तो सब गड़बड़ समझिए

Healthy Hindustan
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आप कितने फिट हैं या आप सेहतमंद हैं या नहीं, ये जानने के लिए हर वक्त डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं। आपका शरीर खुद बता देता है कि कहीं कुछ गड़बड़ है या सब ठीक है। बस, आपको अपने शरीर की सुननी है, उसके संकेतों को पढ़ना है और फिर जब आपका शरीर बताए कि कुछ गड़बड़ है तो इसकी अनदेखी किए बगैर आपको डॉक्टर की सलाह लेनी है। लेकिन सवाल उठता है कि आपका शरीर कैसे बताता है कि कहीं कुछ गड़बड़ है? किन लक्षणों से आप समझेंगे कि शरीर कुछ इशारा कर रहा है?
शरीर से बातचीत या उसके लक्षणों-संकेतों को पकड़ना-पढ़ना मुश्किल नहीं। आपके हर पहर की दिनचर्या यानी रूटीन में शरीर आपसे बात करता है। शरीर से बातचीत की शुरुआत रात से कीजिए, जिसका असर दिन में दिखता है।

नींद
एक सेहतमंद नौजवान को कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद नियमित रूप से आती है, जबकि नए जन्मे बच्चे को 14 से 17 घंटे की नींद आनी चाहिए। अगर आपकी नींद में कुछ दिक्कत है तो इसका मतलब है कि आपकी सेहत में कहीं न कहीं दिक्कत है। नींद की दिक्कत के जरिये शरीर आपको बताता है कि इसमें गड़बड़ी की वजह जानने की कोशिश करें। क्योंकि भरपूर नींद कई बीमारियों को आपसे दूर रखता है और दिनभर आपको तरोताजा बनाए रखता है।

– पर्याप्त नींद हाई ब्लड प्रेशर और कॉलेस्ट्रॉल जैसी परेशानियों को कम करता है
– रोजाना अच्छी नींद हार्ट अटैक और स्ट्रोक के अंदेशे को कम करता है
– पूरी नींद लेने वाले की याददाश्त अच्छी रहती है इससे एकाग्रता बढ़ती है
– अच्छी नींद लेने से वजन बढ़ने का अंदेशा भी कम होता है
– अच्छी नींद शरीर को ऊर्जावान बनाती है जिससे इम्यूनिटी बूस्ट होती है
– अच्छी नींद से किसी भी तरह के घाव के भरने की गति तेज हो जाती है

अगर आपको अच्छी नींद नहीं आ रही है तो इतने फायदे से आप वंचित रहते ही हैं, साथ ही इसका मतलब यह भी है कि आप तनाव, दबाव, डिप्रेशन, मानसिक परेशानी से लेकर दूसरी किसी बीमारी की ओर बढ़ रहे हैं या उसकी चपेट में हैं। स्लीप एपनिया यानी कुछ समय के लिए सांस रुक जाने की स्थिति में भी अच्छी नींद नहीं आती।

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माफी

माफी की बात सुनकर आप इसे आध्यात्मिक चश्मे से भी देख सकते हैं। लेकिन सच यही है कि अगर आप किसी को माफ करना नहीं चाहते, तो इसकी एक वजह आपकी सेहत में गड़बड़ी हो सकती है। माफ करने वाल शख्स पॉजिटिव एनर्जी से लबालब होता है और बदले की आग में जलने वाला निगेटिव एनर्जी से लदा। पॉजिटिव एनर्जी बीमारियों को दूर रखती है और स्वस्थ शरीर में वास करती है जबकि निगेटिव एनर्जी बीमारियों को पास बुलाती है और बीमार आदमी के शरीर को अपना घर बनाती है। माफ करने की आदत आपको भावनात्मक ही नहीं शारीरिक रूप से भी मजबूत बनाती है।
– माफ नहीं करने का मतलब आपके शरीर में हार्मोन का असंतुलन हो सकता है
– माफ नहीं करने वाला ब्लड प्रेशर, तनाव, डिप्रेशन का शिकार हो सकता है
– माफ नहीं करने वाला शख्स हमेशा गुस्से में रहता है और एंग्जाइटी अपने आप में रोग है
– माफ नहीं करने का असर मानसिक स्वास्थ्य (mental health) पर पड़ता है
– माफ नहीं करने वाले की याददाश्त कमजोर होती है
– बीमार व्यक्ति चिड़चिड़ा, गुस्सैल होता है और माफी से दूरी बनाकर चलता है

स्वाद
अगर आपको खाने में स्वाद नहीं आ रहा है या भूख नहीं लग रही है तो ये कई तरह की बीमारियों के संकेतों में एक है।
– स्वाद नहीं आना या भूख नहीं लगना हार्मोन के असंतुलन की वजह हो सकता है
– किडनी फेल होने और कैंसर जैसी स्थिति में भी भूख नहीं लगती है
– वायरल बुखार से सामान्य बीमारियों और तनाव की हालत में भी भूख-स्वाद खत्म हो जाती है
– कब्ज, पाचन संबंधी रोग, पेट में वायरस की वजह से भी स्वाद-भूख पर असर पड़ता है
– लंबे समय तक भूख नहीं लगने को एनोरेक्सिया कहते हैं जिसके मेडिकल या मनोवैज्ञानिक कारण हो सकते हैं
इसलिए भूख नहीं लगने या खाने में स्वाद नहीं आने पर डॉक्टर की सलाह लें।

आलस
सुबह में उठने का मन नहीं करना, सुबह या शाम को सैर करने से बचने की कोशिश करना, कसरत नहीं करना या शारीरिक श्रम करने की इच्छा नहीं होना भी बीमारी का संकेत है। ज्यादातर बीमारियों का लक्षण सुस्ती है। नींद और शरीर में आयरन की कमी से आलस या सुस्ती आती है।
– शरीर में विटामिन की कमी होने पर सुस्ती आती है
– विटामिन की कमी से नर्वस सिस्टम से लेकर पूरे शरीर पर बुरा असर पड़ता है
– महिलाओं में खून की कमी (एनीमिया) की वजह से सुस्ती आती है
– डिप्रेशन, डिहाइड्रेशन और डायबिटीज के मरीज का शरीर भी सुस्ती से संकेत देता है
– हार्ट प्रॉब्लम और फूड एलर्जी होने पर भी शरीर आलस का अनुभव करता है

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