Anger : दुनियाभर में बढ़ गया महिलाओं के गुस्से का ग्राफ, मत सोचिए कि केवल आपके घर में ही है ‘घमासान’

Healthy Hindustan
7 Min Read
Courtesy: Pexels

उदारीकरण के तेज होते दौर में लोगों के व्यवहार में कुछ खास बदलाव हुए हैं। खास तौर पर बीते एक दशक यानी 10 बरसों में ये बदलाव तेज हुए हैं। दुनियाभर में लोगों का व्यवहार बदला है। चाहे अमेरिका हो या यूरोप, अफ्रीका हो या एशिया, विकसित देश हों या विकासशील; हर जगह लोगों में गुस्से और चिंता का स्तर बढ़ा है। अब लोग पहले से ज्यादा उदास और दुखी हैं, जबकि समृद्धि बढ़ी और खुश होने के साधन भी बढ़े। उदासी और तनाव का ये स्तर महिलाओं पर ज्यादा ही दिख रहा है। दस साल पहले महिलाएं पुरुषों के बराबर गुस्सा करती थीं, लेकिन अब वो पुरुषों की तुलना में छह प्रतिशत ज्यादा गुस्सा करती हैं। भारत में तो महिलाएं पुरुषों की तुलना में 12 प्रतिशत ज्यादा गुस्सा करती हैं।
ये बातें केवल अटकलें नहीं हैं। गैलप वर्ल्ड पोल ने दुनियाभर के लोगों के गुस्से के स्तर पर एक सर्वे किया। इसका मकसद पिछले एक दशक में लोगों के बदलते मानसिक हालात जानना और उनकी भावनाएं समझना था। गैलप वर्ल्ड पोल ने 2012 से 2021 तक सर्वे किया। इस सर्वे में 150 देशों के 12 लाख शामिल हुए। इस सर्वे के मुताबिक 10 साल पहले महिला-पुरुष में गुस्सा और तनाव का स्तर समान था, लेकिन 10 साल से महिलाओं में तनाव ज्यादा बढ़ गया है। वे अब ज्यादा गुस्सैल हो गई हैं।

गैलप वर्ल्ड पोल का नतीजा

– दुनियाभर में महिलाओं में गुस्से का स्तर बढ़ा
– दुनियाभर में महिलाओं में गुस्से का स्तर पुरुषों से 6% ज्यादा
– भारत और पाकिस्तान में महिलाओं के गुस्से का स्तर दूसरों से दोगुना
– भारत-पाकिस्तान में महिलाओं के गुस्से का स्तर 12%
– भारत में पुरुषों के गुस्से का स्तर 27.8%
– भारत में महिलाओं के गुस्से का स्तर 40.6%

इस सर्वे के मुताबिक कोरोना महामारी के दौर ने महिलाओं और पुरुषों में उदासी और गुस्से का स्तर बढ़ाने का ही काम किया। इसकी वजह लोगों का घरों में सिमटा रहना, रोजगार छिनना, वेतन में कटौती, अकेलापन और बीमारियां रहीं। जहां तक महिलाओं के गुस्से का स्तर बढ़ने की बात है तो मनोवैज्ञानिकों ने इसकी कुछ और वजहें भी महसूस कीं। बताया गया कि महिलाओं में शिक्षा का स्तर बढ़ा तो वो रोजगार करने लगीं और रोजगार करने के बाद उनमें आत्मविश्वास भी आया। ऐसे में घर में पुरुषवादी मानसिकता के हावी होने पर टकराव बढ़े और घुटन की स्थिति में उनमें गुस्से का भाव बढ़ना शुरू हुआ। चूंकि महिलाएं अपनी भावनाएं खुल कर जताने लगीं इसलिए घुटन के बजाय गुस्से के रूप में ये निकलने या दिखने लगा।
मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सकों ने इसकी कुछ और वजहें भी पायीं। विशेषज्ञों के मुताबिक नौकरी करने वाली महिलाएं भले ही पुरुषों के बराबर काम करें या उनसे ज्यादा, वेतन के मामले में कई क्षेत्रों में उन्हें कमतर रहना पड़ता है। इसी तरह घर में काम करने के बावजूद उनके काम की उस तरह कद्र नहीं की जाती, जिसकी वो हकदार हैं। इसने भी आत्मनिर्भर महिलाओं को अपने जज्बात जाहिर करने का मौका दिया।

Courtesy: Pexels


महिलाओं के मुखर होने की बड़ी वजह
– आधी से ज्यादा महिलाओं का अपने वित्तीय फैसले खुद करना
– महिलाओं का अपने साथी से खुलकर रोमांस की बात करना
– डिजिटल मीडिया का प्रभाव जिससे मुखरता और खुलापन

लेकिन गुस्सा कोई भी करे ये सहेत के लिए ठीक नहीं। गुस्से में लोग दूसरों का नुकसान तो करते ही हैं अपना नुकसान भी कम नहीं करते। गुस्से की वजह से शोषण, झगड़ा और मारपीट तो आम है ही, इसकी वजह से कई बार बड़े बड़े अपराध तक होते हैं।

गुस्से का हार्ट पर असर
– गुस्से का वक्त शरीर में एड्रेनील और कोर्टिसोल हार्मोन का स्राव होता है
– इससे हार्ट रेट और सांस लेने की गति बढ़ जाती है
– गुस्से से एनर्जी लेवल बढ़ता है और ब्लड वेसल्स कस जाती हैं
– इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और आर्टरीज की दीवारों पर बुरा असर पड़ता है
– यानी गुस्से की वजह से होने वाले ये बदलाव हार्ट डिजीज की वजह बनते हैं
– रिसर्च के मुताबिक गुस्सा करने वालों को दूसरों की तुलना में हार्ट डिजीज होने का 19% ज्यादा खतरा है


गुस्से का दिमाग पर असर
– गुस्से की वजह से मस्तिष्क में भी कई तरह के केमिकल एलिमेंट बनते हैं
– इससे मेंटल हेल्थ (मानसिक स्वास्थ्य) पर भी असर पड़ता है
– ज्यादा गुस्सा करने वालों ब्रेन स्ट्रोक होने का ज्यादा खतरा रहता है
– गुस्सा करने वालों के मन में नकारात्मक ख्याल ज्यादा आते हैं
– ज्यादा गुस्से की वजह से दिमाग की कोशिकाएं स्ट्रेस में आती हैं
– दिमाग की कोशिकाओं में स्ट्रेस से अनिद्रा की समस्या होती है

जानकारों के मुताबिक गुस्से का असर पाचन तंत्र (digestive system) पर भी पड़ता है। ज्यादा गुस्सा करने वालों की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। ऐसे लोगों का खाना दूसरों की तुलना में चार-पांच घंटे बाद पचता है। इनके अलावा गुस्से की वजह से सिर दर्द, डिप्रेशन और एक्जिमा जैसी बीमारी भी आम है।


गुस्से से होने वाली बीमारियां
– हार्ट की बीमारी (coeonary heart disease)
– हाई ब्लड प्रेशर
– लकवा का खतरा
– ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
– डिप्रेशन
– तनाव
– अनिद्रा
– सिरदर्द
– कमजोर पाचन तंत्र

जब गुस्सा करने से बेवजह इतनी बीमारियां होने का खतरा है, तो बेहतर है कि अपने गुस्से पर काबू करना सीखें। जिस बात पर गुस्सा आए, उसे नजरअंदाज करें और मुमकिन हो तो किसी से अपने दिल की बात साझा कर खुद को हल्का रखें। गुस्सा आने पर लंबी लंबी सांस लें और खुद को रिलैक्स होने दें। कई लोग गुस्सा आने पर ठंडा पानी पीकर भी खुद को शांत रखने की कोशिश करते हैं। और हां, योग और ध्यान तो गुस्से को काबू में करने का कामयाब नुस्खा है ही।

Follow

Subscribe to notifications

Most Viewed Posts

Share this Article
Leave a comment
चमकती स्किन के लिए क्या खाएं किस तरह के तेल से करें मसाज ? क्या है निगेटिव कैलोरी फूड ऑयल मसाज ब्लॉकेज हटा कर ब्लड सर्कुलेशन ठीक करता है पांच बैक्टीरिया जो हर साल भारत में लाखों लोगों की लेते हैं जान
adbanner