Tattoo : मॉडर्न बनने के चक्कर में यहां न गुदवा लें टैटू, गड़बड़ हुआ तो फायदे की जगह होगा नुकसान

Healthy Hindustan
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Courtesy : Pexels

आपके चहेते क्रिकेटर हों, फिल्म स्टार, सिंगर या फिर कोई और हस्ती। उनके शरीर के दिखने वाले हिस्सों पर टैटू (tattoo) देख आपके मुंह से अचानक फूट पड़ता है—स्टाइलिश! कूल! इसी स्टाइलिश और कूल दिखने के चक्कर में कई लोग वैसा ही करने की सोचने लगते हैं। अगर आप भी टैटू बनवाने जा रहे हैं तो खुद की तंदरुस्ती (सेहत) (health) के लिए थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि टैटू गुदवाने के फायदे हों या न हों, नुकसान होने का खतरा रहता ही है।

इसका मतलब यह नहीं कि शरीर पर टैटू बनवाना गलत है या फिर कुछ खतरों की वजह से आप अपने शौक पूरा ही न करें। टैटू बनवाना गलत होता तो सदियों से यह मानव सभ्यता में परंपरा की तरह  नहीं रहता। दुनिया के हर हिस्से में टैटू बनवाने का चलन है। यह कितना पुराना है इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि सबसे पुराना ज्ञात टैटू उत्जी (हिम पुरुष) (आईसमैन) के शरीर पर पाया गया था। यानी टैटू की परंपरा पाषाण युग और धातु युग से ही है। 

इसलिए टैटू बनवाने का रिश्ता न तो मॉडर्न होने से है और न ही पिछड़े होने से। हां, ऐसा कराने से पहले इसके नफा-नुकसान के बारे में जान लें, तो किसी फैसले पर पहुंचना आपके लिए आसान हो जाएगा। स्वास्थ्य वैज्ञानिक डॉ. ए.के. अरुण के मुताबिक हर व्यक्ति के शरीर की त्वचा (स्किन) (skin) टैटू बनवाने के लायक हो जरूरी नहीं। वह कहते हैं,

शरीर का सुरक्षा कवच स्किन होता है जिसकी तीन परतें होती हैं। बाहरी एपिडर्मिस, बीच वाली डर्मिस और नीचे हाइपोडर्मिस। चूंकि टैटू का रंग न उड़े इसके लिए स्याही को हाइपोडर्मिस वाले हिस्से में इंजेक्ट किया जाता है। लेकिन शरीर के बाहर के किसी भी चीज को हर व्यक्ति का शरीर अपना ले, ये जरूरी नहीं। अगर शरीर उसे नहीं अपनाता तो रिएक्शन का खतरा रहता है।”

डॉ. ए.के. अरुण, स्वास्थ्य विशेषज्ञ

यानी शरीर पर टैटू बनवाना सौ फीसदी सुरक्षित नहीं। इसिलए इसके इसके साइड इफैक्ट्स (side effects of tattoo) को जानना जरूरी है। सबसे पहले तो यह जरूर तय कराएं कि टैटू बनाने के लिए जिस सूई और दूसरे उपकरणों का इस्तेमाल हो वो पूरी तरह सुरक्षित हों यानी किसी और पर इस्तेमाल न किए गए हों।

टैटू से क्या हो सकता है नुकसान? 

संक्रमण (Infection) का खतरा
एलर्जी (allergy) का खतरा
स्किन कैंसर (Skin cancer) का अंदेशा
हेपेटाइटिस बी या HIV होने का खतरा
हृदय (Heart) (हार्ट) से जुड़ी परेशानी

डॉ. ए.के. अरुण के मुताबिक टैटू बनवाने के बाद सबसे ज्यादा डर संक्रमण होने का होता है।

अगर आपके टैटू के चारों ओर की स्किन लाल पड़ रही हो, वहां दर्द हो या मवाद निकल रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से दिखाएं क्योंकि ये संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं। एक व्यक्ति पर इस्तेमाल सूई और दूसरे उपकरण को स्टेराइल किए बिना दूसरे पर इस्तेमाल किए जाने से हेपेटाइटिस बी और एचआईवी (HIV) तक होने का खतरा रहता है। कुछ दिनों पहले वाराणसी में इसी लापरवाही की वजह से 14 लोग एचआईवी इंफेक्शन की चपेट में आ गए।

दिल्ली मेडिकल असोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल बंसल भी टैटू को लेकर कुछ खतरों से आगाह करते हैं। डॉ. बंसल के मुताबिक टैटू बनवाने के बाद एलर्जी के अंदेशे से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसे बनाने में केमिकल और रंग का इस्तेमाल होता है। इसलिए डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और किडनी के मरीजों को टैटू नहीं करवाना चाहिए।
कई बार टैटू की वजह से स्टैफाइलोकॉकी इंफेक्शन जैसी स्किन समस्या होती है, जो बैक्टीरियल इंफेक्शन है। ये बहुत ज्यादा संक्रामक बीमारी है। अगर फोड़े और फफोलों से पानी आने लगे तो यह इंफेक्शन की वजह हो सकता है। टैटू वाली जगह पर खुजली और सूजन आम है। जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें टैटू नहीं बनवाना चाहिए क्योंकि ये घाव में संक्रमण के खतरे को बढ़ा देता है। डॉ. बंसल कहते हैं,

चूंकि टैटू की स्याही में बेंजो पाइरीन (benzo(a)pyrene) की ज्यादा मात्रा होती है, इसलिए ये कैंसरकारक तत्व स्किन कैंसर की वजह भी बन सकता है।”बात यहीं खत्म नहीं होती। टैटू बनवाने से दिल (Heart) (हार्ट) को भी खतरा रहता है। दरअसल टैटू बनी हुई स्किन पर ज्यादा पसीना नहीं आता। इससे शरीर के ठंडे होने की क्षमता में कमी आती है जो दिल को नुकसान पहुंचाता है।


स्वास्थ्य विशेषज्ञ टैटू बनवाने के शौकीनों को सेहत पर खतरे को देखते हुए पुराने टैटू पर ओवरलैप नहीं कराने की सलाह देते हैं। इसके अलावा उनकी सलाह शरीर के कुछ खास हिस्सों पर टैटू किसी भी हालत में नहीं बनवाने की है।

जानकारों के मुताबिक जननांगों और होठ के अंदरुनी हिस्सों पर टैटू बनवाने से इन जगहों का जख्म भरने में काफी समय लगता है। इसी तरह कुछ लोग हथेलियों और पैरों के तलवों के अलावा जीभ और मसूड़ों पर भी टैटू करवाते हैं। इन जगहों के जख्म ठीक होने में भी लंबा समय लगता है और जरा-सी लापरवाही बड़ी मुसीबत पैदा कर सकती है। 

हालांकि इन खतरों के बावजूद टैटू बनवाने के कुछ फायदे भी बताए जाते हैं। अमेरिकन जर्नल ऑफ ह्यूमन बायोलॉजी में छपी एक स्टडी के मुताबिक टैटू बनवाने से इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है, क्योंकि ये इम्युनोग्लोबुलिन ए में कम होते हैं। इम्युनोग्लोबुलिन ए एक एंटीबॉडी है, जो श्वसन प्रणाली की भी मदद करता है। इसी स्टडी के मुताबिक टैटू बनवाने की प्रक्रिया में कोर्टिसोल हार्मोन कम होता है, जिसके कम होने का मतलब तनाव कम होना है। तनाव कम तो सेहत में दम!

डिस्क्लेमर- ये सलाह सामान्य जानकारी है और ये किसी इलाज का विकल्प नहीं है।

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