Hot Tea : कैंसर, अल्सर, ब्लड प्रेशर… गर्म चाय की प्याली, इतनी बीमारियों वाली?

Healthy Hindustan
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Courtesy : Pexels

बदलते वक्त में लोगों ने जो आदतें बदलीं उसमें एक बदलाव सुबह होते ही दिखती है। लेकिन यह हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में इस तरह शामिल हो गई है कि हम इसका नोटिस तक नहीं लेते। यह आदत नींद खुलने के बाद चाय के रूप में हमारे सामने आती है। जो चाय कप और डिश में पड़ोसा जाती थी और बड़े-बुजुर्ग जिसे कप से डिश में डालकर फूंक मारकर पीते थे, अब वैसा नहीं होता।
जमाना बदला तो आधुनिक होने का एक पैमाना सीधे कप से चाय पीने का बन गया। खौलती चाय सामने आई नहीं कि चुस्की ले लेकर चंद मिनटों में खत्म। आखिरी घूंट तक गर्मी का अहसास दिलाती। लेकिन गर्म चाय की यही आदत बीमारियों को न्योता देने जैसा है, वह भी खतरनाक किस्म की बीमारियों का।
अब चाय की गर्मी को अपने अंदर सोखने वाली कुल्हड़ की जगह शीशे या प्लास्टिक के ग्लास ने ले ली है। चाय की दुकान पर पहुंचे, फरमाइश की, सामने आई नहीं चाय कि चंद मिनटों में गटक गए। गर्म चाय के शौकीन लोगों को अब संभलने या अपनी आदत बदलने की सलाह है। और इसकी ठोस वजह है।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक स्टडी के मुताबिक गर्मागर्म चाय, या दूसरे ड्रिंक्स और खाना एसोफैगल कैंसर (esophageal cancer) (EC) का कारण बन सकते हैं। एसोफैगल कैंसर यानी खाने की नली (ग्रासनली) का कैंसर। इस स्टडी के लिए 23 वैज्ञानिकों की टीम ने 10 अलग अलग देशों में हजार लोगों को चुना, जिनके कैंसर और गर्म पेय पदार्थ पीने की आदत मे संबंध देखा गया। स्टडी इस नतीजे पर पहुंची कि गर्म पेय पदार्थों की वजह से खाने की नली का कैंसर हो सकता है।

ऐसी ही एक और स्टडी हुई जो इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कैंसर (International Journal Of Cancer) में छपी। इस स्टडी में भी कहा गया कि जो लोग बहुत अधिक गर्म चाय पीते हैं उनमें ग्रासनली या इसोफेगस का कैंसर (risk of esophageal cancer) होने का खतरा 200 प्रतिशत ज्यादा होता है। इसी तरह इस स्टडी में 60 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान वाली और 700 मिली से अधिक चाय पीने वालों में कैंसर का खतरा अधिक देखा गया।

कुछ यही नतीजा ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ने भी दिया, जिसमें यह बात सामने आई कि बहुत ज्यादा गर्म चाय या कॉफी पीने से हमारे भोजन की नली में या फिर गले में कैंसर होने का खतरा आठ गुना तक बढ़ जाता है। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि तेज गर्म चाय गले के टिशूज को नुकसान पहुंचाती है। चाय को आंच से उतारने के 2 मिनट के भीतर ही इसे पीने वालों को कैंसर का खतरा उन लोगों से 5 गुना बढ़ जाता है, जो 4 से 5 मिनट के बाद इसे पीते हैं। इस बात की पुष्टि के लिए एक रिसर्च भी की गई जिसमें करीब 50 हजार लोगों को चुना गया था और उन पर हुए अध्ययन के बाद यह बात सामने आई कि बहुत ज्यादा गर्म चाय या कॉफी गले को नुकसान पहुंचा सकती है।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी इस पर सहमति जताते हुए कहा है कि चाय और कॉफी की तरह दूसरी बहुत ज्यादा गर्म चीज खाने या पीने से भी फूड पाइप के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। WHO के मुताबिक सिर्फ गले का कैंसर ही नहीं बल्कि गर्म चाय पीने से ऐसिडीटी, अल्सर और पेट से जुड़ी तमाम बीमारियां हो सकती हैं। सिर्फ चाय ही नहीं, कोई भी चीज इतनी ज्यादा गर्म नहीं पीनी या खानी नहीं चाहिए जो पेट की झिल्ली को प्रभावित करे। हमें खाते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम जो खा रहे हैं वह इतना ही गर्म हो कि उससे मुंह और गला ही नहीं, पेट भी न जले।

गर्म चाय पीने के नुकसान
• गले के कैंसर होने का खतरा
• मुंह के टिश्यू को नुकसान
• पेट में अल्सर और गैस की समस्या
• ब्लड प्रेशर बढ़ने की परेशानी


डॉक्टरों का कहना है कि गर्म चाय पीने से मुंह के टिश्यू को नुकसान पहुंचता है। इससे जीभ में मौजूद स्वाद पहचान करने वाले टेस्ट बड्स को नुकसान होता है और यदि लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहती है तो इससे परेशानी अधिक बढ़ सकती है। हमेशा गर्म चाय पीने वालों को आमतौर पर अलसर की समस्या देखने को मिलती है। डॉक्टरों का कहना है कि गर्म चाय पीते हैं और लंबे समय तक इसका सेवन कर रहे हैं तो इससे आहार नाल में जख्म होने लगते हैं। चाय पीना बंद नहीं करते हैं तो यह जख्म तेजी से बढ़ने लगते हैं। घाव होने के चलते एसिडिटी की समस्या होने लगती है। परेशानी अधिक बढ़ने पर अलसर कैंसर की समस्या भी बनने की संभावना रहती है। चाय अधिक पीने से ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगता है। यदि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो चाय पीने से बचना चाहिए। लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर रहता है तो इससे दिल संबंधी रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है।

कैसे पीयें गर्म चाय? 
विशेषज्ञों का कहना है कि चाय पीने और कप में डालने के बीच कम से कम 5 मिनट का अंतर जरूर होना चाहिए। इसके बाद हर घूंट से पहले फूंक मारने की आदत सेहत के लिहाज से अच्छी है क्योंकि प्रत्येक घूंट लेने से पहले 8-10 सेकंड के लिए चाय या कॉफी की सतह पर फूंक मारने से वह पीने लायक बन जाती है। इससे जीभ या मुंह का अन्य हिस्सा जलता नहीं है। 

मुंह जल जाए तो क्या करें?
जलने की स्थिति में मुंह में तुरंत आईसक्रीम या आइसक्यूब डालें। इससे गर्मी की वजह से मुंह के टिश्यू को जो नुकसान होने वाला है, वह रुक जाएगा। इसके अलावा शहद एंटीबैक्टीरियल और एंटी इन्फेक्शन से भरपूर होता है। निगलने से पहले से मुंह में सही ढंग से घुमा लें। इस प्रक्रिया को दो से तीन बार दोहराएं। इसके अलावा चीनी का प्रयोग भी जले से हुए बचाव में किया जा सकता है। जैसे ही चीनी घुलती है, दर्द खत्म होने लगता है। यह जीभ में मौजूद टेस्ट बड्स को तेजी से सक्रिय करता है।

डिस्क्लेमर- ये सलाह सामान्य जानकारी है और ये किसी इलाज का विकल्प नहीं है।

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