Suicide : हॉस्टल में MBBS की छात्रा की खुदकुशी के बाद IMC बोली, साथियों का सम्मान करना साखिये डॉक्टर साहब!

Healthy Hindustan
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Courtesy : Pexels

पंजाब के अमृतसर स्थित श्री गुरु रामदास मेडिकल कॉलेज में गुरुवार की रात जो कुछ हुआ, उसने इंडियन मेडिकल कांग्रेस (Indian Medical Congress) (IMC) को झकझोर कर रख दिया। नौबत यहां तक आ गई कि IMC के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रेम अग्रवाल को एक अपील जारी करनी पड़ी, जिसमें डॉक्टरों के नाम संदेश है जिसे आप गुजारिश भी कह सकते हैं। इस संदेश में इंडियन मेडिकल असोसिएशन (आईएमए) (IMA) के दो बार महासचिव रह चुके डॉक्टर प्रेम अग्रवाल का दर्द है-

सभी फिजिशियन से आग्रह है कि वह छोटे साथियों के लिए सम्मान का भाव रखें और उन्हें डांटने और बदनाम करने के बजाय ऐसा माहौल दें कि वह अच्छे डॉक्टर बनकर देश की सेवा करने की राह पर आगे बढ़ पाएं।”

डॉ. प्रेम अग्रवाल, अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल कांग्रेस

इंडियन मेडिकल कांग्रेस (Indian Medical Congress) को इस तरह की अपील करने की नौबत आई तो इसकी खास वजह है। दरअसल, बीते गुरुवार की रात पंजाब के अमृतसर स्थित श्री गुरु रामदास मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस (MBBS) छात्रा पंपोशा ने अपने हॉस्टल के कमरे में फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। परिवार की शिकायत पर वल्ला पुलिस ने डॉक्टर प्रतिभा समेत 10 के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया है।

मृतक छात्रा की मां कमलेश रानी ने आरोप लगाया है कि आरोपी उनकी बेटी को धमकाते थे कि वह भविष्य में उसे कभी डॉक्टर नहीं बनने देंगे। कमलेश रानी ने पुलिस को बताया कि उसके पति की मौत हो चुकी है। वह किसी तरह अपनी इकलौती बेटी को मेडिकल की पढ़ाई करवा रही थीं। बेटी पंपोशा ने कड़ी मेहनत कर एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की और इसी कॉलेज में वह अपनी इंटर्नशिप कर रही थीं। बेटी ने कुछ दिन पहले ही उन्हें बताया था कि उक्त आरोपी उसे परेशान करते हैं कि वह उसे डॉक्टर नहीं बनने देंगे। इस बात से परेशान होकर उनकी बेटी ने गुरुवार देर रात हॉस्टल के कमरे में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

(फोटो- खुदकुशी करने वाली छात्रा पंपोशा)


कमलेश रानी की शिकायत पर वल्ला पुलिस ने श्री गुरु रामदास अस्पताल की गाइनी वार्ड की एचओडी डॉ. प्रतिभा, डॉ. बीर दविंदर सिंह, सीआर गगनदीप कौर, डॉ. प्रभहिम्मत, प्रियंका, सीआर नमिशा, करणबीर सिंह, प्रोफेसर स्वाति, जिम्मी स्टेनो और डॉ. पीयूष को नामजद कर लिया। पुलिस ने इन आरोपियों की भूमिका की जांच शुरू कर दी। लेकिन इस घटना के बाद डॉक्टरों को लेकर और मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को लेकर उनके रवैये पर जो सवाल खड़े हुए, उसने इंडियन मेडिकल कांग्रेस को झकझोर कर रख दिया।
इंडियन मेडिकल कांग्रेस ने एक बयान जारी कर कहा कि इस घटना की वजह से कुछ बेहद महत्वपूर्ण तथ्य फिर से सामने आ गए, जिन पर बात करना जरूरी है। मौजूदा दौर में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र, रेजिडेंट डॉक्टर और प्रैक्टिसिंग फिजिशियन बेहद तनाव में काम कर रहे हैं। हालत यह है कि समाज के कई दूसरे तबकों की तह उनका मानसिक स्वास्थ्य भी कमजोर हो गया है, जिससे खुदकुशी जैसे हालात तक बन रहे हैं।

भारत में मेडिकल स्टूडेंट, रेजिंडेंट डॉक्टर और फिजिशियन की खुदकुशी को लेकर हाल में हुई एक स्टडी का हवाला देकर डॉ. प्रेम अग्रवाल कहते हैं कि 2010 से 2020 तक अलग अलग मेडिकल कॉलेजों में 350 से ज्यादा खुदकुशी के मामले सामने आए। इनमें खुदकुशी करने वाले डॉक्टरों की उम्र 30 साल से कम पायी गई। दुख की बात यह भी है कि खुदकुशी की राह पर चलकर मौत को गले लगाने वाले पांच प्रतिशत वो लोग हैं जो टॉपर होने के साथ ही देश के ब्रिलियंट दिमाग माने जाते हैं। ये वो लोग हैं जो किसी भी पेशे में अव्वल होते, लेकिन मेडिकल प्रोफेशन के तनाव की वजह से ऐसे लोगों की जान चली जाती है।

डॉ. प्रेम अग्रवाल के मुताबिक पुरुषों की तुलना में कम उम्र में महिला रेजिडेंट डॉक्टर और फिजिशियन के खुदकुशी के मामले ज्यादा सामने आए हैं। इसकी बड़ी वजह महिला डॉक्टरों का ज्यादा तनाव में होने के साथ ही उनका ज्यादा संवेदनशील होना भी है। इसके अलावा, कार्यस्थल पर अपने सीनियर या मरीजों से उत्पीड़न भी ऐसे मामलों की बड़ी वजह हैँ। डॉ. प्रेम अग्रवाल खुदकुशी के इन मामलों में एक खास पैटर्न भी देखते हैं, जिसका संबंध स्पेशियलिटी के स्ट्रेस और सीनियर के स्ट्रेस से है। उनके मुताबिक एनेस्थिसिया विभाग में काम करने वालों में खुदकुशी के सबसे ज्यादा 22% मामले सामने आए, तो इसकी वजह यही दो स्ट्रेस हैं। इसके बाद खुदकुशी के मामले में OBG/Gynae में काम करने वाले हैं और यहां 16% ऐसे मामलों का संबंध भी स्ट्रेस से ही है।

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