Reusable Water Bottles : शौचालय से भी ज्यादा गंदी है आपकी पानी की बोतल, अभी बाहर फेंकिए नहीं तो सब होंगे बीमार

Healthy Hindustan
5 Min Read
Courtesy : Pexels

प्यास लगी, पानी की बोतल खरीदी, धीरे-धीरे प्यास बुझाते बोतल लेकर घर आ गए और फिर उस बोतल को दुनिया की सबसे पवित्र चीज मानकर महीनों इस्तेमाल करने लगे। क्या दुनिया के करोड़ों लोगों की तरह आप भी ऐसा करते हैं। अगर हां, तो एक स्टडी का जो नतीजा आया है वह आपकी आंखें खोलने के लिए काफी है। अगर इसके बावजूद आंखें नहीं खुलीं, तो समझ लीजिए कि आपके घर के हर सदस्य की सेहत का सत्यानाश होना तय है।

अमेरिका के waterfilterguru.com की रिसर्च टीम ने एक स्टडी की। इस टीम ने टोंटी, ढक्कन सहित पानी की बोतलों के विभिन्न हिस्सों की जांच की। इस टीम की स्टडी का जो नतीजा निकला उसमें पाया गया कि बार बार इस्तेमाल की जाने वाली पानी की बोतल सेहत के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है। इसकी वजह है बैक्टीरिया और टॉक्सिन्स। 

वैसे तो बैक्टीरिया और टॉक्सिन्स हर जगह हैं। टेबल, किताबों, किचन, कम्प्यूटर के कीबोर्ड से लेकर आपके मोबाइल फोन तक पर। इसी तरह की एक और जगह है जिसे गंदा मानकर वहां बैक्टीरिया और टॉक्सिन्स की मौजूदगी तो होती ही है। यह जगह है आपका शौचालय और उसका टॉयलेट सीट। लेकिन रोजाना इस्तेमाल वाली एक चीज जो आपके टॉयलेट सीट से भी ज्यादा गंदी है वह है आपकी पुरानी पानी की बोतल।

वॉटरफिल्टरगुरु डॉट कॉम (waterfilterguru.com) की रिसर्च टीम ने जब इस्तेमाल में जारी पुरानी पानी की बोतलों पर रिसर्च किया तो नतीजा उनके अंदेशे से भी ज्यादा खराब निकला। रिसर्च में पाया गया कि रीयूजेबल पानी की बोतल (Reusable Water Bottles) में टॉयलेट की तुलना में 40 हजार गुना ज्यादा गंदगी थी। गंदगी यानी बैक्टीरिया (कीटाणु)।

मतलब साफ है, यह रिसर्च कहता है कि पानी की जिस बोतल को हफ्तों से लेकर महीनों तक आप पवित्र मानकर बार बार इस्तेमाल करते हैं वह गंदगी का भंडार है, बैक्टीरिया का भंडार है और आपके शौचालय से भी ज्यादा गंदा है।
जानकारों ने बोतल की साफ सफाई की तुलना घर में रखी दूसरी चीजों से भी की। उन्होंने बताया कि पोनी की बोतल पर किचन के सिंक से दो गुना ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं। इसी तरह कम्प्यूटर के माउस से चार गुना और पेट्स के पानी के बाउल से 14 गुना ज्यादा गंदगी होती है। इसके अलावा हमारा मुंह भी कई माईक्रोब्स और बैक्टीरिया का घर होता है। यही वजह होती है कि पानी के बर्तन भी बैक्टीरिया से भरे होते हैं।
HuffPost (हफपोस्ट) की रिपोर्ट के मुताबिक रिसर्च टीम ने खुलासा किया कि उन्होंने पानी की बोतल के कई हिस्सों से स्वैब लिए। इसमें बोतल का ढक्कन, मुंह और ऊपरी हिस्सा शामिल है। उन्हें इन जगहों से दो तरह के बैक्टीरिया मिले- बैसिलस (bacilios) और ग्राम-नेगेटिव रॉड्स। अब यह जानना जरूरी है कि ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया और बैसिलस से शरीर को क्या और कितना नुकसान होता है।

ग्राम नेगेटिव बैक्टीरिया इंफेक्शन की बड़ी वजह बनता है। लेकिन खतरनाक बात यह है कि ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया ऐसे संक्रमण की वजह बन सकता है, जिस पर एंटीबायोटिक भी असर नहीं करती। वहीं, bacillus गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल यानी पेट संबंधी गड़बड़ियों की बड़ी वजह बनता है। बैसिलस से आंतों से जुड़ी हुई बीमारियां भी हो सकती हैं।


इस रिसर्च ने आपके कई अनजान सवालों के भी जवाब दे दिए हैं। कई बार कुछ लोग बाहर का खाना-पीना नहीं खाने के बावजूद पेट खराब होने और दूसरी तरह के इंफेक्शन की शिकायत करते हैं। दिमाग पर बहुत जोर डालने के बावजूद वे इसकी वजह नहीं बता पाते। अब शायद पानी के पुराने बोतलों में आपको अपने सवालों का जवाब मिल जाए। जानकारों के मुताबिक बहुत मुमकिन है कि घर के किसी सदस्य के डायरिया, उलटी, दस्त की बड़ी वजह इन्हीं बोतलों में छिपी हो।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पानी की सभी बोतलें खराब होती हैं या पुरानी बोतलों का इस्तेमाल नहीं हो सकता। इस रिसर्च से जुड़े लोगों ने इस पर सलाह भी दी है, जिसके मुताबिक बोतलों को दोबारा यूज करने से पहले एक दिन में कम से कम एक बार साबुन और गर्म पानी से धोना चाहिए। इसके अलावा हर हफ्ता इन बोतलों की अच्छी तरह सफाई करनी चाहिए। रिसर्च में पाया गया कि जो बोतल ऊपर से दबाकर इस्तेमाल करने वाली होती हैं, वह सबसे सुरक्षित होती हैं। जब इसकी तुलना ढक्कन, स्ट्रॉ फिटेड वाली बोतलों से की जाती है, तो कहीं कम बैक्टीरिया पाए जाते हैं।

Follow

Subscribe to notifications

Most Viewed Posts

Share this Article
1 Comment
चमकती स्किन के लिए क्या खाएं किस तरह के तेल से करें मसाज ? क्या है निगेटिव कैलोरी फूड ऑयल मसाज ब्लॉकेज हटा कर ब्लड सर्कुलेशन ठीक करता है पांच बैक्टीरिया जो हर साल भारत में लाखों लोगों की लेते हैं जान
adbanner