IP UNIVERSITY : दिल्ली की सेहत की फिक्र करने वाले ‘नायक’ का देखिए जुनून, यूनिवर्सिटी की सिल्वर जुबली पर पेश की नजीर

Healthy Hindustan
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दिल्ली को सेहतमंद बनाने की दिशा में जागरुकता की मशाल लेकर चलते डॉ. महेश वर्मा

सरकारें आईं-गईं। स्वास्थ्य मंत्री आए-गए। दौर बदलता रहा, चुनौतियां बदलती गईं, काम करने का तरीका बदलता गया, अगर नहीं कुछ बदला तो तेवर। करीब चार दशकों से एक ही तेवर के साथ दिल्ली को सेहतमंद बनाने का जज्बा लेकर चल रहे इस शख्स का नाम है डॉ. महेश वर्मा, जिन्होंने एक बार फिर दिल्ली और यहां के लोगों की सेहत को लेकर अपनी प्रतिबद्धता साबित की है। इस प्रतिबद्धता की झलकियां सेंट्रल दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आईपीयू हेल्थ मेला के रूप में दिख रही है, जो 10 अक्टूबर तक है।
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में दंत चिकित्सा (दांतों के इलाज) का जिक्र हो या फिर दांतों की देखभाल के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार करने के लिए अलग डेंटल कॉलेज बनाने की जद्दोजहद। दिल्ली में साहिब सिंह वर्मा की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे डॉ हर्षवर्धन से तालमेल बिठाने का मामला हो या कांग्रेस की सरकार में डॉ. ए.के. वालिया, योगानंद शास्त्री या फिर आम आदमी पार्टी की सरकार में सत्येंद्र जैन से लेकर सौरभ भारद्वाज तक।

दिल्ली वालों की सेहत की फिक्र करने वाले इस ‘हीरो’ ने जन स्वास्थ्य को ही अपनी विचारधारा और मूल मंत्र मानकर दिल्ली को सेहतमंद बनाने के लिए अपना सौ फीसदी दिया। और जब बतौर वाइस चांसलर गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी की सिल्वर जुबली यानी 25 साल पूरे होने का जलसा बनाने का मौका मिला, तो फिर दिल्ली के इस डॉक्टर का जन स्वास्थ्य के प्रति लगाव छलक पड़ा।

दिल्ली वालों के नाम अपना दिल और जान कर देेने वाले डॉक्टर महेश वर्मा ने इसी मकसद से ऐसी पहल की जो विश्वविद्यालय के इतिहास में इससे पहले कभी नहीं हुआ। पहली बार किसी यूनिवर्सिटी ने अपनी उपलब्धियों का जश्न हेल्थ मेला लगाकर किया।

दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में दंत चिकित्सा विभाग में प्रोफेसर से लेकर एल.एन.जे.पी. अस्पताल में डॉक्टर रह चुके डॉ. वर्मा को मौलाना आजाद इंस्टिट्यूट ऑफ डेंटल साइंस (MAIDS) की बुनियाद रखने से लेकर उसे प्रतिष्ठा की ऊंचाइयों तक पहुंचाने का श्रेय है। दिल्ली से लेकर देशभर में दंत चिकित्सकों की कई पीढ़ियों देने वाले डॉ. वर्मा को जब बतौर वीसी गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी की सिल्वर जुबली मनाने का मौका मिला तो उन्होंने इसे दिल्ली वालों को डेडिकेट (अर्पित) कर दिया, जो इन दिनों तालकटोरा स्टेडियम में हेल्थ मेले के रूप में दिख रहा है।

आईपीयू हेल्थ मेले में जन स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाने से लेकर मुफ्त में सेहत की जांच के इंतजाम नजर आए। करीब 150 स्टॉल के जरिये गंभीर से लेकर मौसमी और संक्रामक बीमारियों की जांच से लेकर जागरूकता तक की गंभीर कोशिश दिखी। मेले के स्वास्थ्य जन-जागरूकता पेवेलियन में जीवनशैली, मानसिक स्वास्थ्य, बुढ़ापे में देख-भाल, अंग एवं रक्त दान, कैंसर की रोकथाम, संक्रामक रोग, दांतों की देखभाल, पोषण एवं स्वास्थ्य परामर्श, पर्यावरणीय रोग एवं उनकी रोकथाम जैसे विषयों पर चर्चा एवं परिचर्चाओं के आयोजन हो रहे हैं। स्वास्थ्य को लेकर सबसे ज्यादा बेफिक्र दिखने वाले युवाओं को इससे जोड़ने के लिए पांच दिनों तक चलने वाले मेले में हर दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी है, जिसकी अलग-अलग थीम रखी गई है।
किसी भी संस्थान के लिए सिल्वर जुबली वर्ष मील का पत्थर होता है। इस मौके पर हेल्थ मेले का आयोजन भी इसे मील का पत्थर साबित करना था। डॉ महेश वर्मा कहते हैं,

प्राइवेट और सरकारी विश्वविद्यालयों की भीड़ में गुणवत्ता और विश्वसनीयता के साथ जारी इस सफर में आईपी यूनिवर्सिटी ने ऊंचे मानदंड स्थापित किए हैं। राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) में आईपी यूनिवर्सिटी ने 74 वां स्थान हासिल किया है, जबकि क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 ने इसे दुनिया के टॉप 1500 संस्थानों में रखा गया है। NAAC से इसे उच्चतम A++ ग्रेड भी मिल चुका है।”

डॉ. महेश वर्मा, वीसी, आईपी यूनिवर्सिटी

जाहिर है ये छोटी-मोटी उपलब्धि नहीं, वह भी तब जब उम्र के लिहाज से 25वां साल विश्वविद्यालय के लिए लड़कपन से ज्यादा कुछ नहीं। इसलिए इस विश्वविद्यालय की खास उपलब्धियों का जश्न मनाने का मौका आया तो जन स्वास्थ्य प्रेमी डॉ. महेश वर्मा ने दूसरे विश्वविद्यालयों के रास्ते से खुद को अलग किया और हेल्थ मेला लगाने का फैसला किया। फिर तो इसके उद्घाटन कार्यक्रम में एनडीएमसी के चेयरपर्सन अमित यादव, एम्स के निदेशक प्रो. एम॰ श्रीनिवास, दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की सचिव सुश्री ऐलिस वाज, दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव डॉक्टर एस॰ बी॰ दीपक कुमार, दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक श्री भूपेश चौधरी और डीएचएचएस के अतिरिक्त निदेशक डॉक्टर जितेंद्र प्रसाद भी इस मौके पर पहुंचे।

डॉ. वर्मा कहते हैं, “आज विश्वविद्यालयों की भूमिका केवल शिक्षा देने तक ही सीमित नहीं है। सामुदायिक विकास भी इसका हिस्सा है। कोरोना के दौर ने हमें बहुत कुछ सिखाया है और उस दौर के सबक को भूलना मानव कल्याण के रास्ते से भटकने जैसा होगा। हेल्थ मेले में एलोपैथी से लेकर वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों के जरिये संपूर्ण स्वास्थ्य और स्वास्थ्य की देखभाल पर जोर है।” निश्चित रूप से स्वस्थ समाज से ही स्वस्थ देश का निर्माण संभव है। इसलिए आईपी यूनिवर्सिटी की हेल्थ मेले की थीम बेहद सटीक है— एक कदम अच्छे स्वास्थ्य की ओर।

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