Gol Gappe Benefits : टेस्टी ही नहीं हेल्दी भी हैं गोल गप्पे, बस कुछ बातों का रखें जरूर ध्यान!

Healthy Hindustan
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Courtesy : Pexels

बचपन हो, लड़कपन हो, या फिर उम्र हो छप्पन की। एक स्ट्रीट फूड ऐसा है जिसे देख ही नहीं याद कर ही मुंह में पानी आ जाता है। वो हैं गोल गप्पे। गोल गप्पे जिसे कहीं पानीपुरी, कहीं पुचका तो कहीं फुल्की कहा जाता है। स्ट्रीट फूड में सबसे ज्यादा खाये जाने वाले गोल गप्पे का अनोखा स्वाद ही है जो हर वर्ग, हर उम्र के लोगों को अपनी तरफ ललचाकर खींच लेता है। यही वजह है कि गली के नुक्कड़, बड़े बड़े मॉल से लेकर शादी के समारोह के स्टॉल तक पर यहां भीड़ नजर आती है। आपको जानकर खुशी होगी कि सेहत के लिए हानिकारक होने की छवि वाले ये गोल गप्पे स्वास्थ्य के मोर्चे पर फायदेमंद भी होते हैं।
पेट भरा होने या कुछ भी खाने का मूड नहीं होने पर भी चाव से खाये जाने वाले ये गोल गप्पे स्वाद के शौकीनों के लिए अपनी जगह हमेशा बना लेते हैं। और यही लालच जाने-अनजाने कई लोगों की तंदरुस्ती की वजह बन जाता है। निश्चित तौर पर इसकी वजह गोल गप्पे बनाने में जिन सामग्रियों का उपोयग होता है, वह है।

गोल गप्पे खाने के फायदे
• अच्छी पाचन शक्ति
• काबू में वजन
• मुंह के छालों से मुक्ति
• एसिडिटी में फायदेमंद

गोल गप्पे गेहूं का आटा, सूजी, उबले आलू, टकसाल के पत्ते, उबले चने, हरी मिर्च, नमक, मिर्च पाउडर, अमचूर, धनिया और इमली से तैयार किए जाते हैं। ये वो सामग्री हैं जिनकी गिनती पोषण से भरपूर आहारों में होती है। उबले छोले, आलू और मसालेदार पानी से लदा गोल गप्पा आपकी खाने से जुड़ी हर क्रेविंग को दूर कर सकता है।

गोल गप्पे बनाने में इस्तेमाल होने वाला गेहूं, सूजी, छोले और आलू कार्ब्स और फाइबर के स्रोत हैं। ऐसे में इन्हें खाने से भरपूर फाइबर मिल सकता है और फाइबर डाइजेशन को सुधारने और साफ रखने में मदद कर सकता है। 

सामान्य तौर पर एक प्लेट गोलगप्पे में 5 से 6 पीस होते हैं। गोल गप्पे के अंदर उबली चीजें और पानी भरा जाता है। यानी इसमें दूसरे स्ट्रीट फूड की तुलना में कैलोरी बहुत कम मात्रा में होती है। इसलिए जब उबली चीज और पानी शरीर के अंदर जाता है तो खाने की दूसरी चीजों की जगह कम कर देता है। इस तरह अनजाने में ही यह वजन कम करने में मददगार साबित हो जाता है।
गोल गप्पे में जिस पानी का उपयोग किया जाता है उसमें जलजीरा मिलाया जाता है। जलजीरा पाचन के लिए तो फायदेमंद होता ही है, साथ ही यह मुंह के छालों के लिए दवाई की तरह काम करता है। चूंकि कई बार कब्ज और पेट संबंधी गड़बड़ियों की वजह से मुंह में छाले होते हैं, इसलिए फाइबर वाली चीजों के साथ ही पाचन वाले जलजीरा के असर से मुंह के छाले खत्म करने में भी इसे असरदारी पाया गया है।
वैसे, कई डाइटिशियन गोल गप्पे में कार्ब्स की ज्यादा मात्रा होने की वजह से इसे डायबिटीज के रोगियों के लिए भी अच्छा बताते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी है कि गोल गप्पे में उबले आलू नहीं डलवाया जाए। बेहतर यही है कि डायबिटीज के मरीज डॉक्टर की सलाह के बाद ही गोल गप्पे की तरफ हाथ बढ़ाएं।

जिन लोगों को एसिडिटी की समस्या होती है उन्हें ठंडा पानी पीने की सलाह दी जाती है। जलजीरा भी ठंडा होता है और गोल गप्पे के पानी में इसका इस्तेमाल किया जाता है। जलजीरा के पानी में अदरक, पुदीना, जीरा, काला नमक, धनिया जैसी चीज मौजूद होती है। कभी-कभी इसमें काली मिर्च भी मिलाई जाती है। ये सारी चीजें खराब पेट को साफ रखने में मदद करती है। इससे एसिडिटी की समस्या दूर होती है।

जिस तरह अति किसी भी चीज की बुरी होती है उसी तरह गोल गप्पे ज्यादा खाना भी सेहत के लिए ठीक नहीं। चूंकि आटा या सूजी से बने गोल गप्पे का बाहरी आवरण डीप फ्राई किया जाता है, इसलिए ज्यादा खाने पर सेहत के मोर्चे पर इसके अपने खतरे भी हैं। पोषण के नजरिये से बात करें तो गोल गप्पे में ज्यादा कुछ नहीं होता। गोल गप्पे बनाने में अगर स्वच्छता (सफाई) का ध्यान नहीं रखा गया और गंदे हाथ या नाखून वाले हाथ से इसे परोसा गया तो इसके खतरे भी कम नहीं। संक्रमित पानी या दूसरी चीजें होने पर गोलगप्पे डायरिया, डिहाइड्रेशन, उलटी, दस्त, पीलिया (जॉन्डिस), अल्सर, पेट दर्द या आंतों में सूजन की वजह बन सकता है। इसके अलावा ज्यादा मात्रा में खाने पर इससे हाई ब्लड प्रेशर का भी अंदेशा रहता है।

यही वजह है कि डाइटिशियन अच्छी और साफ-सुथरी जगह पर ही गोल गप्पे खाने की सलाह देते हैं। ज्यादातर डाइटिशियन एक बार में ज्यादा से ज्यादा पांच-छह गोल गप्पे खाने और हफ्ते में एक बार ही खाने की सलाह देते हैं। डॉक्टर सुबह खाली पेट या एक्सरसाइज के बाद गोल गप्पे खाने से साफ तौर पर मना करते हैं। बरसात के दिनों में गोल गप्पे खाने से परहेज करना चाहिए। बरसात के दिनों में संक्रमित पानी वाले गोल गप्पे कई जगहों पर टाइफाइड नाम की बीमारी की वजह बन चुके हैं। चूंकि बरसात में बैक्टीरिया ज्यादा एक्टिव होते हैं, इसलिए बरसात में संक्रमित पानी या खाने की चीजों से खतरा भी ज्यादा होता है।

डिस्क्लेमर- ये सलाह सामान्य जानकारी है और ये किसी इलाज का विकल्प नहीं है।

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