दुनिया के कई हिस्सों में बेटियों को बचाने की जद्दोजहद चल रही है, लेकिन आने वाले दिनों में धरती यानी इंसानों की बस्ती से पुरुषों के ही खत्म होने का खतरा पैदा हो गया है। अंदेशा है कि तय वक्त के बाद ऐसा दिन आ सकता है जब धरती पर पुरुष पैदा ही न हों। जब प्रजनन (संतानों को जन्म देने) का काम नर और मादा मिलकर करते हैं, तो बगैर पुरुष के धरती पर इंसानों की प्रजाति कैसे चलेगी? अगर लड़के पैदा ही नहीं लेंगे तो क्या उनकी जगह कोई नया जीव आएगा?
ये कुछ अहम सवाल हैं जो एक रिसर्च पेपर की वजह से उठे हैं। हे स्टडी प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में छपी है, जिसका एक खास आधार है। यह स्टडी में नर यानी लड़का पैदा करने वाले जीन्स पर की गई। इस रिसर्च में बताया गया है कि इंसानों समेत स्तनधारी जीवों में Y Chromosome धीरे धीरे खत्म हो रहे हैं।
क्रोमोजोम कैसे तय करता है लड़का या लड़की?
- X और Y क्रोमोजोम भ्रूण में पल रहे बच्चे का लिंग (Gender) तय करता है
- इंसान और सभी स्तनधारी जीवों में मादा (female) के पास X क्रोमोजोम होता है
- नर (male) के पास एक X और दूसरा छोटा क्रोमोजोम Y होता है
- X क्रोमोजोम में 900 जीन्स होते हैं, जो लिंग निर्धारण यानी लड़का या लड़की तय नहीं करते
- Y क्रोमोजोम में 55 जीन्स के अलावा कई नॉन कोडिंग DNA होते हैं
- Y क्रोमोजोम साइज में X से छोटा होने के बावजूद लिंग का निर्धारण करता है
- गर्भधारण के 12 हफ्ते बीत जाने के बाद मास्टर सेक्स जीन (SRY) बाकी जीन्स को आदेश देता है
- मास्टर सेक्स जीन बाकी जीन्स को नर टेस्टिस बनाने का निर्देश देता है
- भ्रूण में बनने वाला टेस्टिस ही नर हार्मोंस बनाता है जिससे लड़का पैदा होता है प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में छपे रिसर्च के मुताबिक नर इंसान और स्तनधारियों में Y क्रोमोजोम घटता जा रहा है। इसका अंदाजा ऑस्ट्रेलियन प्लैटीपस से भी लगाया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि एक दौर में इंसान में भी X और Y क्रोमोसोम के जीन्स की संख्या बराबर थी। यानी कभी Y क्रोमोजोम में भी 55 की जगह 900 जीन्स थे।

पुरुषों के खत्म होने का डर क्यों?
- वैज्ञानिक अनुमान के मुताबिक इंसान धीरे धीरे Y क्रोमोजोम खो रहा है
- 16.6 करोड़ साल से अब तक इंसान Y क्रोमोजोम के 845 जीन्स खो चुका है
- इस गति से इंसान हर 10 लाख साल में 5 जीन्स खो रहे हैं
- इस रफ्तार से अगले 1.10 करोड़ साल में Y क्रोमोजोम पूरी तरह खत्म हो जाएंगे
- यानी 1.10 करोड़ साल में लड़कों का जन्म लेना बंद हो जाएगा
इस तरह की स्थिति से कई जीवों की प्रजातियां गुजर चुकी हैं, इसलिए ये डर फिजुल नहीं। दुनिया में कुछ छिपकलियां और सांपों की प्रजातियां ऐसी हैं, जहां पर सिर्फ मादाएं हैं। ये खुद से ही प्रजनन (Parthenogenesis) कर पीढ़ियों को आगे बढ़ा रही हैं। चूंकि इंसानों को संतान को जन्म देने के लिए स्पर्म और ऐग की जरूरत होती है, इसलिए Parthenogenesis इंसानों और स्तनधारियों में संभव नहीं। अगर स्पर्म चाहिए तो पुरुष भी चाहिए। Y क्रोमोजोम अगर खत्म हुए तो इंसानों की प्रजाति को ही खत्म होने में वक्त नहीं लगेगा।

Y क्रोमोजोम क्यों कमजोर?
दरअसल ज्यादातर इंसानों में क्रोमोजोम के 23 सेट होते हैं, जिनमें एक जोड़ी सेक्स क्रोमोजोम की होती है। महिलाओं की सेट में दो X क्रोमोजोम होते हैं जबकि पुरुषों में एक X और एक Y क्रोमोजोम होता है। Y क्रोमोजोम में मौजूद एक जीन ही भ्रूण में पुरुषों के वीर्यकोष का विकास और हॉर्मोन के स्राव का जिम्मेदार होता है। X क्रोमोजोम को कोई खतरा नहीं है क्योंकि महिलाओं में उसे दूसरे एक्स क्रोमोजोम के साथ जुड़ने का मौका मिलता है। लेकिन Y क्रोमोजोम को दूसरे Y से जुड़ने का मौका नहीं के बराबर मिलता है, जिससे Y क्रोमोजोम के खत्म होने का खतरा बढ़ जाता है।
वैज्ञानिक अभी इस पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या Y क्रोमोजोम की जगह कोई नया क्रोमोजोम विकसित हो सकता है? हालांकि फिलहाल इस पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता, लेकिन उम्मीद की एक वजह है।

उम्मीद अभी बाकी है
Y क्रोमोजोम खत्म होने के बावजूद रोडेंट्स विलुप्त नहीं हुए
पूर्वी यूरोप के मोल वोल्स और जापान के स्पाइनी चूहों का अस्तित्व अब भी है
वैज्ञानिकों ने इनमें केवल X क्रोमोजोम ही पाए हैं और इनमें SRY जीन भी नहीं है
स्पाइनी चूहे में SOX9 नाम का एक सेक्स जीन भी मिला
नर चूहों में इस जीन के पास डुप्लिकेट DNA पाया गया
डुप्लिकेट DNA के जरिए SOX9 जीन SRY की तरह काम करने लगता है
यही DNA एक्टिविटी नर और मादा चूहों को एक दूसरे से अलग करती है
इसी वजह से वैज्ञानिकों ने पुरुषों के अस्तित्व बने रहने को लेकर उम्मीद पाल रखी है। भविष्य में हो सकता है कि इंसान में भी कोई दूसरा जीन SRY के गुण विकसित कर ले या कोई नया सेक्स जीन बन जाए।