बीते दो साल से इंसानों को झकझोर कर रख देने वाले कोरोना वायरस ने एक बार फिर दुनिया पर अपना शिकंजा कस दिया है। इस बार उसने अपने रूप बदल कर दो तरफ से हमला बोला है। एक तरफ कोरोना ने चीन से मोर्चा संभाला है तो दूसरी तरफ वह अमेरिका से वार कर रहा है। चिंता की बात यह है कि अमेरिका से कोरोना के जिस रूप ने हल्ला बोला है वह अब तक का सबसे ज्यादा संक्रामक वैरियंट है। भारत के लिए चिंता की बात यह है कि अमेरिका में फैल रहे कोरोना के इस नए रूप ने गुजरात में दस्तक दे दी है। यानी, गुजरात में कोरोना के इस खतरनाक वायरस की चपेट में आने से एक आदमी बीमार पड़ चुका है।
अमेरिका वाला वायरस भारत में!
– कोरोना का अब तक का सबसे खतरनाक वैरियंट मिला
– अमेरिका के कई शहर XBB.1.5 वैरियंट की चपेट में
– भारत के गुजरात में मिला अमेरिकी वैरियंट वाला एक मरीज
– अमेरिका के नए वैरियंट ने बढ़ाई दुनिया की चिंता
अमेरिका में कोरोना का जो नया वैरियंट सामने आया, उसका नाम XBB.1.5 है। इसे दूसरे तमाम वैरियंट से ज्यादा खतरनाक बताया गया। जानकारों का मानना है कि यह पिछले BQ.1 वैरिएंट से 120 गुना ज्यादा तेजी से संक्रमण फैलाता है। यानी यह कोरोना का सुपर वैरियंट है। अमेरिका में XBB.1.5 के मामले जिस तेजी से बढ़े हैं कि यहां फैले 40 फीसदी मामलों में इसे ही पाया गया। U.S. Centers for Disease Control and Prevention ने इन आंकड़ों की पुष्टि कर दी है। इस तथ्य के सामने आने के बाद अमेरिका में हड़कम्प मच गया है।
XBB.1.5 क्यों है खतरनाक?
– इम्यून सिस्टम को चकमा देने में अब तक का सबसे तेज़ वैरियंट
– इंसान की कोशिकाओं पर हमला करने में अब तक का सबसे घातक वैरियंट
– ओमिक्रॉन के XBB और BQ वैरियंट की तुलना में संक्रमण की रफ्तार कई गुना तेज
– इस वैरियंट से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या अब तक सबसे ज्यादा
यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ माइकल ओस्टरहोम ने कहा, “वास्तव में, मौजूदा समय में दुनिया सबसे खतरनाक वैरियंट XBB का सामना कर रही है।” 31 दिसंबर को समाप्त होने वाले हफ्ते में BA.2 वेरिएंट, XBB और XBB.1.5 के केस देश के कुल मामलों का 44.1 फीसदी थे। XBB वेरिएंट सिंगापुर सहित एशिया के कुछ हिस्सों में भी फैल रहा है।

अमेरिका से कोरोना के जिस रूप ने हल्ला बोला है वह अब तक का सबसे ज्यादा संक्रामक वैरियंट है। भारत के लिए चिंता की बात यह है कि अमेरिका में फैल रहे कोरोना के इस नए रूप ने गुजरात में दस्तक दे दी है। यानी, गुजरात में कोरोना के इस खतरनाक वायरस की चपेट में आने से एक आदमी बीमार पड़ चुका है। मतलब साफ है अमेरिका में कहर बना XBB.1.5 भारत में मौजूद है।
वायरोलॉजिस्ट एरिक फेगल डिंग के मुताबिक XBB.1.5 स्ट्रेन के ‘अगली बड़ी चीज’ बनने का अंदेशा है। XBB.1.5 वेरिएंट BQ और XBB की तुलना में बहुत ज्यादा संक्रामक है। इसलिए इसे ‘सुपर वैरियंट’ कहा जा रहा है जिसकी वजह से अस्पताल में भर्ती होने के मामले बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि XBB.1.5 का संक्रामक दर पिछले वैरियंट से अधिक है और यह तेजी से फैलता है। अब तक मिले आंकड़ों के मुताबिक XBB.1.5 पिछले BQ.1 वेरिएंट की तुलना में 120 फीसदी तेजी से फैलता है। विशेषज्ञों का दावा है कि XBB.1.5 सब वैरिएंट अमेरिका में ही पैदा हुआ है। वैज्ञानिकों ने न्यूयॉर्क में फैल रहे इस वैरिएंट के मॉडल की स्टडी की है।
XBB.1.5 पर स्टडी का क्या निकला नतीजा?
– XBB.1.5 कोरोना का ‘सुपर वैरिएंट’ है
– BQ.1 जितने लोगों को 26 दिन में संक्रमित कर रहा था XBB.1.5 उतने लोगों को 17 दिन के भीतर संक्रमित कर रहा है
– इसकी R वैल्यू यानी रीप्रोडक्शन वैल्यू BQ.1 से ज्यादा है
– R वैल्यू से पता चलता है कि कोरोना से इन्फेक्टेड एक व्यक्ति से कितने लोग संक्रमित हो रहे हैं या हो सकते हैं
– XBB.1.5 क्रिसमस से पहले BQ.1 के मुकाबले 108% की रफ्तार से फैल रहा था
– क्रिसमस के बाद यह रफ्तार बढ़कर 120% हो गई है
एरिक फेगल डिंग के मुताबिक सिंगापुर के XBB को लेकर पहले चेतावनी दी गई थी। लोगों को यह मान लेना चाहिए कि अमेरिकी मूल का XBB.1.5 वैरियंट पुराने XBB की तुलना में 96 फीसदी तेजी से फैलता है। नए वैरियंट के बाद अस्पताल में कोरोना मरीजों के भर्ती होने की दर में जल्दी कम नहीं आएगी। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि नया वैरियंट ओमिक्रॉन की तरह नहीं है बल्कि ये एक स्पेशल रिकोंबिनेशन है। जो पहले ही म्यूटेट कर चुके यानी रूप बदल चुके दो कोरोना वैरियंट से मिलकर बना है।
एक तरफ अमेरिका के XBB.1.5 ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया है, तो दूसरी तरफ चीन में ओमिक्रॉन का BF.7 वैरियंट नई लहर पर सवार होकर कहर बना हुआ है। चीन के इस वैरियंट की वजह से दुनिया के कई देशों की हालत खराब है, लेकिन भारत में इस वैरियंट से ज्यादा खतरा नहीं पहुंचा है। भारत के सभी वैक्सीन अब तक चीन के BF.7 वैरियंट के खिलाफ असरदार साबित हुए और इसकी चपेट में आने वालों को कोई गंभीर लक्षण भी नहीं दिखे। लेकिन अमेरिका में मिले नए वायरस XBB.1.5 ने तो खतरे की घंटी बजा ही दी है।